डीएनए हिंदी: Sidhu Moose Wala Song SYL: मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की 29 मई 2022 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं, सिद्धू की हत्या के बाद 23 जून 2022 उनका आखिरी गाना रिलीज किया गया था जिसका टाइटल SYL था. इस गानों कुछ घंटों में ही कई मिलियन व्यूज मिल गए थे लेकिन अचानक इसका वीडियो यूट्यूब से गायब हो गया. जिसके बाद कई लोग इस वीडियो को यूट्यूब (Youtube) से हटाए जाने की वजह पूछते दिखाई दिए. बताया जा रहा है कि इस फैसले के पीछे की वजह सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर कॉन्टोवर्सी है. सिर्फ यही नहीं एक वीडियो की एक और बात पर आपत्ति जाहिर की गई थी.
Youtube की ऐसी है पॉलिसी
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यूट्यूब ने केंद्र सरकार से कानूनी शिकायत मिलने की बात कहकर SYL सॉन्ग को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया था. इस बाबत यूट्यूब की ओर से सफाई भी जारी की गई थी. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मामले पर यूट्यूब प्रवक्ता ने कहा कि सरकार की ओर से म्यूजिक वीडियो के खिलाफ कानूनी शिकायत की गई थी जिसके बाद इसे हटाया गया है.
ये भी पढ़ें- Sidhu MooseWala का ये गाना बिलबोर्ड ग्लोबल 200 चार्ट में शामिल, YouTube पर बनाया ये रिकॉर्ड
यूट्यूब की पॉलिसी है कि अगर किसी वीडियो के खिलाफ शिकायत आए तो पहले उसकी जांच की जाती है. इसके बाद अगर जांच के दौरान पाया जाए कि वीडियो में कम्यूनिटी गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया गया है तो उस वीडियो को हटा दिया जाता है.
SYL की इन बातों पर हुई आपत्ति
दरअसल, सिद्धू मूसेवाला का ये गाना SYL में सतलुज-यमुना लिंक नहर पर सालों पुराने विवाद को लेकर बात की गई थी. वीडियो में मूसेवाला ने लिरिक्स के जरिए चंडीगढ़, हरियाणा और हिमाचल लौटाने की बात कही थी. वो गाने में कहते हैं कि 'पानी तो भूल जाओ, हम एक बूंद नहीं देंगे जब तक कि हमें हमारी संप्रभुता नहीं दोगे'.
ये भी पढ़ें- Sidhu Moose Wala का 29वां बर्थडे आज, भावुक कर देंगी सिंगर के केश से जुड़ी ये बातें
इसी गाने में आगे सतलुज-यमुना नहर को लेकर उस विवाद की बात की गई जिसमें दो इंजीनियर्स की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप लगा था बलविंदर सिंह जटाना नाम के एक शख्स पर. सिद्धू ने अपने गाने में बलविंदर की तारीफ की है.
इसके साथ ही किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी 2021 को लाल किला पर फहराए गए सिख झंडे, 1984 के सिख दंगे, पंजाब के सिख बंदियों और खालिस्तान समर्थक आतंकियों की बात भी इस गाने में की गई थी.
Satluj-Yamuna Link Controversy
1966 में हरियाणा को पंजाब से अलग किया गया था. इसके बाद ही दोनों राज्यों के बीच पानी को लेकर विवाद शुरू हुई था. इस मामले से निपटने के लिए सरकार ने दोनों राज्यों के बीच 214 किलोमीटर लंबा जल मार्ग सतलुज-यमुना लिंक नहर sutlej-yamuna link canal बनाने का फैसला किया था. इस नहर का 122 किलोमीटर लंबा हिस्सा पंजाब में जबकि 92 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में बनाया जाना था.
हरियाणा ने अपने हिस्से की नहर का निर्माण 1980 में करीब 250 करोड़ रुपए खर्च करके पूरा कर लिया था लेकिन पंजाब की ओर से इस पर लापरवाही बरती गई. यहा से यह विवाद और भी हिंसक हो गया. संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के नेतृत्व में शिरोमणि अकाली दल ने नहर के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया.
ये भी पढ़ें- Sidhu Moosewala की हत्या के गम में डूबा उनका डॉगी, इमोशनल वीडियो देखकर रो पड़े लोग
इस हिंसक आंदोलन को देखते हुए राजीव गांधी ने लोंगोवाला के साथ समझौता किया गया और काम दो साल में पूरा किया जाना तय हुआ लेकिन लोंगोवाल से समझौता होने के कुछ दिन बाद ही उनकी हत्या हो गई थी. यही नहीं 23 जुलाई 1990 को नहर पर काम कर रहे दो सीनियर इंजीनियरों समेत 35 मजदूरों को उग्रवादियों ने मार डाला था. इस बर्बर घटना को अंजाम देने वाले के तौर पर बलविंदर सिंह जटाना का नाम आगे आया था. 1990 के बाद पिछले 32 सालों से नहर के निर्माण का काम बंद पड़ा हुआ है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.