ME Too के आरोप इन बड़ी हस्तियों पर झूठे साबित हुए, वरुण ग्रोवर, अनुराग कश्यप तक का नाम
मी टू आंदोलन महिलाओं के हक की बड़ी लड़ाई है और इसमें कई महिलाओं ने आगे आकर अपनी जिंदगी के कड़वे अनुभव साझा किए थे. हालांकि कुछ आरो बाद में झूठे भी साबित हुए थे.
डीएनए हिंदी: अमेरिका में शुरू हुए मी टू आंदोलन ने भारत में भी खूब जोर पकड़ा था. फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं सामान्य महिलाओं ने भी अपने साथ हुए यौन शोषण की कहानी शेयर की थी. इसी दौरान कुछ ऐसे मामले भी हुए जिनमें आरोपों की जांच के बाद उनमें कोई सत्यता नहीं मिली थी. ऐसा ही कुछ बंगाली फिल्मों की अभिनेत्री रूपा दत्ता का भी मामला था. रूपा ने अनुराग कश्यप पर मी टू के आरोप लगाए थे लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हुई थी. हालांकि सालों बाद रविवार को अभिनेत्री को पुलिस ने कोलकाता बुक फेयर से पॉकेटमारी और चोरी के आरोप में अरेस्ट किया है. देखें मी टू के दौरान लगे ऐसे ही कुछ आरोप जो बाद में साबित नहीं हुए थे.
कॉमेडियन-राइटर वरुण ग्रोवर पर लगे आरोप थे झूठे
कॉमेडियन राइटर वरुण ग्रोवर पर भी एक महिला ने बीएचयू आईआईटी में पढ़ाई के दौरान छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. बाद में यह आरोप साबित नहीं हो पाया था. इस आरोप से आहत ग्रोवर ने कहा था कि वह आज भी हर महिला पर यकीन करते हैं और कोई भी महिला यह कहती है कि उसके साथ किसी तरह की हिंसा हुई है तो वह उसके साथ हैं.
डायरेक्टर विकास बहल को भी मिल गई थी क्लीन चिट
क्वीन फिल्म के डायरेक्टर पर कंगना रनौत ने भी आरोप लगाया था कि उनके साथ उन्हें असहज महसूस हुआ था. बहल पर फिल्म के क्रू में शामिल एक महिला ने साल 2015 में छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्हें सुपर 30 के डायरेक्शन से भी निकाल दिया गया था. हालांकि आंतरिक जांच के बाद बहल को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था और फिर उन्होंने सुपर 30 डायरेक्ट की थी.
नाना पाटेकर भी किए गए आरोप मुक्त
भारत में मी टू आंदोलन की शुरुआत एक तरह से तनुश्री दत्ता के आरोपों के बाद हुई थी. दत्ता ने हॉर्न ओके प्लीज के सेट पर नाना पाटेकर पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे. इसके बाद मुंबई पुलिस ने इस मामले की जांच भी की थी और साल 2019 में एक्टर को क्लीनचिट दे दिया था. मुंबई पुलिस के क्लीन चिट देने पर तनुश्री दत्ता काफी नाराज हुई थीं और उन्होंने यह भी कहा था कि नाना पाटेकर चैरिटी के नाम पर फ्रॉड करते हैं.
मी टू एक बड़ा और महत्वपूर्ण आंदोलन है. इस आंदोलन ने भारत ही नहीं दुनिया भर की कई महिलाओं को अपने साथ हुए हिंसा के बारे में खुलकर बोलने के लिए मौका और साहस दिया है.