सोमवार के दिन सूर्या (Suriya) स्टारर फिल्म कंगुवा (Kanguva) का ट्रेलर रिलीज हुआ था. वहीं, दूसरी ओर विक्रम (Vikram) की आने वाली फिल्म थंगलाना (Thangalaan) भी चर्चा में है. वहीं मद्रास हाई कोर्ट ने सोमवार को दोनों बड़े बजट कि तमिल फिल्मों को रिलीज की हरी झंड़ी दे दी है.
हाई कोर्ट की एक बेंच ने, जिसमें जस्टिस जी जयचंद्रन और सी.वी शामिल थे. जो कि कार्तिकेयन शामिल द्वारा निर्देशित स्टूडियो ग्रीन प्रोडक्शन कंपनी के.ई द्वारा संचालित है. ज्ञानवेलराजा को बुधवार 14 अगस्त को या उससे पहले ऑफिशियल अनाउंसमेंट के साथ दोनों फिल्मों के लिए 1 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने दिया प्रोडक्शन हाउस को आदेश
आदलत ने आदेश दिया कि थांगलान गुरुवार 15 अगस्त को देशभर में रिलीज होने वाली है, इसलिए 14 अगस्त को राशि जमा कराई जाए. जस्टिस ने यह भी आदेश दिया कि कंगुवा की रिलीज से पहले 1 करोड़ रुपये जमा किए जाएं.
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जाने क्या है पूरा मामला
आदेश हाई कोर्ट के ऑफिशियल समनुदेशित द्वारा दायर एक याचिका पर पारित किए गए थे, जिन्हें दिवालिया बिजनेसमैन अर्जुनलाल सुंदरदास (मौत के बाद) के कारण कर्ज की वसूली का काम सौंपा गया था. ऑफिशियल असाइनमेंट ने 2016 में हाई कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि सुंदरदास, जिस पर कथित तौर पर लोगों को अपनी वित्त और रियल एस्टेट कंपनियों में निवेश करने का लालच देकर कई करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. स्टूडियो ग्रीन के साथ मिलकर 2011 में 40 करोड़ रुपये का निवेश करके एक फिल्म का सह निर्माण करने का फैसला किया था.
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सुंदरदास ने सितंबर 2011 और अक्टूबर 2012 के बीच अलग-अलग तारीखों पर प्रोडक्शन हाउस को 12.85 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, लेकिन धन की कमी के कारण उन्होंने बीच में ही भुगतान वापस लेने का फैसला किया था. हालांकि प्रोडक्शन हाउस ने उन्हें पूरी रकम चुकाने में असमर्थता जताई थी और कहा था कि यह प्री -प्रोडक्शन काम पर खर्च हो गई है.
दिवालिया अर्जुनलाल सुंदरदास को केवल 2.5 करोड़ रुपये वापस मिले, जिससे 10.35 करोड़ रुपये बचे रह गए. ऑफिशियल समनुदेशित ने अदालत से प्रोडक्शन हाउस को दिसंबर 2013 में 18 प्रतिशत ब्याज के साथ 10.35 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश देने का आग्रह किया था ताकि मृतक सुंदरदास के जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस किया जा सके.
स्टूडियो ग्रीन ने आधिकारिक समनुदेशित द्वारा दायर आवेदन का विरोध करते हुए दावा किया कि उसने सुंदरदास को ऑल इन ऑल अज़गुराजा, बिरयानी और मद्रास नामक तीन तमिल फिल्मों के हिंदी रीमेक राइट्स देकर उनकी बची हुई राशि की भरपाई कर दी है, और उनसे अपने बॉलीवुड में संपर्क.का इस्तेमाल करके राइट्स को बेचने के लिए कहा था. हालांकि, प्रोडक्शन हाउस अपने दावे को साबित करने के लिए उनके बीच हुए कथित समझौते की केवल एक फोटोकॉपी ही पेश कर सका, जिसमें कहा गया कि मूल समझौता 2015 की बाढ़ में बर्बाद हो गया था.
29 अगस्त, 2019 को डिवीजन बेंच ने आधिकारिक असाइनी के आवेदन को यह मानते हुए अनुमति दे दी गई कि प्रोडक्शन हाउस द्वारा किया गया दावा भरोसे के लायक नहीं है. बेंच ने इसपर कहा कि, "सबसे पहले, इस संबंध में दिवालिया और दूसरे प्रतिवादी (स्टूडियो ग्रीन) के बीच कथित समझौता प्रस्तुत नहीं किया गया है. समझौते की तारीख भी नहीं बताई गई है. तीन फिल्मों का मूल्य और गुडविल भी नहीं बताया गया है.
बेंच ने इसपर कहा कि, "इस रुख को सही ठहराने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया गया है कि तीन फिल्मों के रीमेक राइट्स बिल्कुल 10.35 करोड़ रुपये के बराबर होंगे, उस हद तक कोई सबूत भी नहीं है, दस्तावेजी सबूत तो छोड़ ही दें. पेश किए गए दस्तावेज फोटोकॉपी हैं. पीठ ने 2013 से 18 प्रतिशत ब्याज के साथ 10.35 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया.
चूंकि 2019 के इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया था, आधिकारिक असाइनमेंट ने स्टूडियो ग्रीन की थांगलान और कंगुवा सहित सभी भविष्य की फिल्मों को संलग्न करने की याचिका के साथ वर्तमान निष्पादन याचिका दायर की, जब तक कि यह पांच साल पुराने अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करता.
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