NT Rama Rao 100th Birth Anniversary: 17 बार किया भगवान कृष्ण का रोल, लोग मानने लगे थे भगवान

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 28, 2022, 12:25 PM IST

एनटी रामा राव

तेलुगू फिल्मों के मशहूर एक्टर NT Ramarao किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है. उनकी जिंदगी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी.

डीएनए हिंदी: नन्दमूरि तारक रामाराव यानी एनटी रामाराव (NT Rama Rao) साउथ इंट्रस्टी का जाना माना नाम रहे हैं. आज उनकी 100वीं बर्थ एनिवर्सरी है. उनका जन्म 28 May 1923 को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के एक छोटे से गांव निम्माकुरु में हुआ था. रामाराव एक्टर ही नहीं बल्कि फिल्म निर्माता और राज नेता भी थे. 300 फिल्मो में काम करने के बाद एनटीआर ने 1982 में तेलगुदेशम पार्टी (Telugu Desam Party) की स्थापना की और पॉलिटिक्स में एंट्री ले ली. उनकी पॉपुलेरिटी ऐसी थी कि लोग उन्हें भगवान मानते थे.

एनटी रामाराव के फिल्मी सफर की शुरुआत साल 1949 में हुई थी. मना देशम नाम की फिल्म से उन्होंनें साउथ सिनेमा में कदम रखा. एक समय आया जब वो साउथ में मनोरंजन का दूसरा नाम बन चुके थे. उन्होंने इतने धार्मिक रोल किए कि लोग उन्हें पूजने लगे. उन्होंने 17 बार भगवान कृष्ण का रोल किया था. यह रिकॉर्ड बनाने वाले एनटी रामा राव पहले ऐसे भारतीय एक्टर हैं. तेलुगू के अलावा एनटीआर ने तमिल और हिंदी भाषाओं में भी फिल्में कीं. भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने साल 1968 में उन्हें पद्मश्री (Padma Shri) से सम्मानित किया था. 

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बेहद दिलचस्प था पॉलिटिकल करियर 

साल 1982 में एनटीआर ने पॉलिटिक्स में एंट्री ली. फेमस एक्टर होने के चलते एनटीआर और उनकी पार्टी को जबरदस्त सफलता मिली. इसके बाद वो आंध्र प्रदेश के 10वें मुख्यमंत्री बने. 1983 से 1994 के बीच वो तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. 1995 में उनकी पार्टी और परिवार के सदस्यों के उनके खिलाफ हो जाने के बाद उनको पार्टी और सरकार से निष्कासित कर दिया गया था.

कहा जाता है कि उनके कैबिनेट सहयोगी और दामाद एन. चंद्रबाबू नायडू (N. Chandrababu Naidu) के नेतृत्व में अचानक हुए तख्तापलट के कारण उन्हें उनकी पार्टी और सरकार से हटा दिया गया था. उनके दो बेटों ने इस तख्तापलट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ऐसा कहा जाता है कि एनटीआर अपनी पार्टी की बागडोर अपनी दूसरी पत्नी लक्ष्मी पार्वती को सौंपने की योजना बना रहे थे. उन्होंने जनता का विश्वास जीतने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो पार्टी के समर्थन को वापस पाने में बुरी तरह विफल रहे. एनटीआर ने दावा किया था कि ये एक सुनियोजित विश्वासघात था और अपने बेटों और नायडू को सत्ता के भूखे और अविश्वसनीय बताया था. 

70 साल की उम्र में की थी दूसरी शादी

एनटी रामाराव ने दो शादियां की थी. साल 1993 में 70 साल की उम्र में रामा राव ने तेलुगु लेखक लक्ष्मी पार्वती से दूसरी शादी की लेकिन उनके परिवारवालों ने लक्ष्मी को कभी स्वीकार नहीं किया.  एनटी रामाराव की 12 संतानें थीं जिनमें से आठ बेटे और चार बेटियां थीं. आज  एनटीआर के पोते जूनियर एनटीआर साउथ ही नहीं हिंदी फिल्मों में जाना-माना नाम हैं. 

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