छोटे पर्दे के मशहूर एक्टर करण ओबेरॉय (Karan Oberoi) साल 2019 में बेहद बुरे दौर का सामना कर चुके हैं. मीटू मूवमेंट के दौरान करण पर रेप के आरोप लग चुके हैं, जिसकी वजह से उन्हें जेल जाना पड़ा था. करण ने अपने उस दौर के बारे में अब जाकर खुलकर बात की है. एक्टर ने अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में ये भी बताया है कि जेल में उन्हें क्या कुछ झेलना पड़ा है. उन्होंने बताया कि एक दिन ऐसा भी आया था जब वो मरने से बाल-बाल बच गए. उन्होंने जेल के खूंखार कैदियों के बारे में भी दिल दहला देने वाली बातें शेयर की हैं.
करण ओबरॉय पर एक महिला ने जनवरी 2017 से 2018 के बीच रेप आरोप लगाया था. महिला ने बताया कि करण ने उनसे शादी का वादा करके धोखे में रखा था. इस आरोप के बाद करण को गिरफ्तार कर लिया गया था और उन्हें 1 महीने तक जेल में रहना पड़ा. करण ने हाल ही में सिद्धार्थ कनन को दिए इंटरव्यू में बताया है कि जेल में उनका वक्त नर्क की तरह बीता. करण ने कहा 'मुझे क्लास्ट्रोफोबिया है और उन लोगों ने काल कोठरी में डाल दिया था. मुझे लगा कि अब जिंदगी खत्म हो गई'. उन्हें जेल में टॉयलट साफ करने का काम दिया गया था. करण बताते हैं कि वो दौर किसी 'पाताल लोक जाने जैसा था'. उन्हें हर वक्त ऐसा लगता था कि 'मैं यहां कैसे आ गया?'.
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सिद्धार्थ कहते हैं कि 'मेरे आसपास ऐसे लोग थे जिन्होंने कई लोगों का खून किया था. जेल में मौजूद खूंखार क्रिमिनल अपने कृत्यों के बारे में मुझे बताते थे'. करण कहते हैं कि 'मैं इस बारे में किसी से कुछ कहने से हिचकिचाता हूं लेकिन मुझे उस दौर में ऐसा लगने लगा था कि मैं मरने ही वाला हूं. मुझे पता नहीं था कि अगले दिन मैं जिंदा रहूंगा या नहीं. मेरी आखों के सामने जिंदगी भर के फ्लैशेज आ रहे थे'. एक्टर ने बताया कि जेल से लौटने के बाद उन्होंने 7 दिनों तक कुछ नहीं खाया और वो 9 दिनों तक सो नहीं पाए.
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