DNA Explainer: हंगर इंडेक्स क्या है? कैसा रहा भारत का प्रदर्शन?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 29, 2021, 05:46 PM IST

हंगर इंडेक्स में भारत का प्रदर्शन खराब रहा.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 में भारत काफी निचले पायदान पर आया है. 116 देशों की लिस्ट में भारत 101वें नंबर पर आया है.

डीएनए हिंदी: हर साल की तरह इस साल भी ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 (Global Hunger Index) जारी किया गया है. इस लिस्ट में 116 देशों में विश्व स्तर पर भुखमरी की हालात को लेकर कौन सा देश किस पायदान पर है, के बारे में बताया जाता है. भारत इस लिस्ट में 101वें स्थान पर है. भारत से इस लिस्ट में सिर्फ 15 देश ही पीछे हैं. गौरतलब है कि 2020 में 107 देशों की लिस्ट जारी की गई थी और उसमें भारत 94वें स्थान पर था. 

जीएचआई तैयार करने का मकसद

जीएचआई के जरिये यह पता चलता है कि किसी भी देश में भुखमरी के क्या हालात हैं? इसे कंसर्न वर्ल्डवाइड और वर्ल्ड हंगर हेल्प नाम की संस्थाएं तैयार करती हैं. जर्मनी में इसे एक स्थानीय एनजीओ तैयार करती है. इसका उद्देश्य दुनिया के अलग-अलग देशों में गरीबी मिटाने के लिए हो रहे प्रयासों की समीक्षा करना है और यह बतलाना है कि ​इस सूची में पिछड़ रहे देशों में किए जा रहे प्रयासों में और तेजी लाने की जरुरत है. इस इंडेक्स के तैयार करते समय अलग-अलग देशों में भुखमरी की क्या वजह है. उन देशों को भुखमरी मिटाने के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं. 

ऐसे तैयार होता है GHI

हर देश का जीएचआई स्कोर 3 आयामों के 4 पैमानों पर कैलकुलेट किया जाता है. ये तीन आयाम हैं- पौष्टिक आहार की कमी, बाल मुत्यु दर और बच्चों को पर्याप्त और पौष्टिक आहार की कमी.  पौष्टिक आहर की कमी से मतलब एक व्यक्ति को एक दिन में अनिवार्य कैलोरी से युक्त भोजन नहीं मिल पा रहा है. बाल मृत्यु दर का आशय प्रत्येक एक हजार जन्म ले रहे बच्चों की संख्या जिनकी मौत जन्म लेने के पांच साल के भीतर ही हो गई हो. 

बाल कुपोषण के तहत दो तरह के बच्चों को शामिल किया जाता है-1. चाइल्ड वेस्टिंग और 2. चाइल्ड स्टंटिंग. चाइल्ड वेस्टिंग यानी वैसे 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे जिनका वजन उनके कद के हिसाब से कम होता है. इससे यह सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि ऐसे बच्चों को उचित पोषण नहीं मिला है जिसके चलते वे कमजोर हो गए हैं. दूसरी कैटेगरी चाइल्ड स्टंटिंग होती है और इसके तहत बच्चों की उम्र के हिसाब उनके कद यानी उनकी लंबाई देखी जाती है. अगर इस पैमाने के तहत बच्चे की कद कम होती है तो यह माना जाता है कि उसे ​उचित पोषण नहीं मिला है.   

ऐसे होती है स्कोरिंग

ऊपर बताए गए तीनों आयामों को 100 पाइंट के स्कोर की कसौटी पर परखा जाता है. तीनों कैटेगरी के तहत एक तिहाई नंबर होते हैं. दिलचस्प यह है कि इस स्कोर में शून्य सबसे बेहतर और वहीं 100 सबसे खराब स्कोर होता है. 

पिछले पांच सालों में भारत का प्रदर्शन

भारत 2017, 2018,2019, 2020 और 2021 में जीएचआई में क्रमश: 100, 103, 102, 94 और 101 वें स्थान पर रहा है. 

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