डीएनए हिंदीः हमारा शरीर अच्छे से काम कर पाए इसके लिए लिवर का स्वस्थ होना जरूरी होता है. यही कारण है कि शराब जैसे पदार्थों के सेवन करने से बचने की सलाह दी जाती है. इसकी वजह से फैटी लिवर होता है. इसके अलावा नॉन अल्कोहलिक फैटी फैटी लिवर से भी एक बड़ी आबादी प्रभावित है. इस ठीक करने के लिए व्यायाम, स्वस्थ वजन, और उचित पोषण बनाए रखने पर ज़ोर दिया जाता है. निम्नलिखित कुछ सुझाव फैटी लिवर से निबटने में मदद कर सकती है.
चकोतरा है लिवर के लिए फायदेमंद
चकोतरा एक प्रकार का फल है जिसे खाने से कई तरह पोषक तत्व मिलते हैं. नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज में लिवर सूजन आ जाती है. ऐसे में चकोतरा कई एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो सूजन को कम करने में सक्षम होते हैं. ऐसे में लिवर को मजबूती देने और बीमारी से बचने के लिए चकोतरा खाना बहुत अच्छा माना जाता है.
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मिल्क थिस्ल भी है लाभदायक
मिल्क थिस्ल एक प्रकार का सप्लीमेंट होता है जो पौधे के बीज से तैयार किया जाता है. यह लिवर का डिटॉक्सीफिकेशन करके शरीर में मौजूद जहरीले केमिकल से बचाने में रक्षा करता है. इससे लिवर सुरक्षित रहता है. मिल्क थिस्ल में एंटीइंफ्लेमेट्री, एंटी स्कारिंग और इम्यून सिस्टम बूस्टिंग जैसे कई गुण पाए जाते हैं. न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, मिल्क थिस्ल विटामिन ई के साथ मिलाकर हर दिन 420 से लेकर 600 मिग्रा सिलामारिन प्राप्त करने से सेहत को फायदा मिलता है.
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एन-एसिटाइल सिस्टीन कर सकता है मदद
एन-एसिटाइल सिस्टीन एक प्रकार का सप्लीमेंट होता है जो लीवर को ग्लूटाथियोन सामग्री देता है. यह एक डेटॉक्स एलिमेंट है जो विषाक्त पदार्थों को बेअसर करने में बहुत मदद करता है .ऐसे में फैटी लिवर के मरीज एन-एसिटाइल सिस्टीन की भी मदद ले सकते हैं.
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