डीएनए हिंदीः कई बार हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में उल्टा-पुल्टा खाना खा लेते हैं जिससे हमारे पेट की हालत खराब हो जाती है. एसिडिटी (Acidity) या एसिड रिफलक्स दुनिया की सबसे आम समस्याओं में से एक है. एसिडिटी तब होती है जब पेट से खाना नली तक आ जाता है और पेट में जलन होती है. इसके चलते घबराहट और उलटी भी हो सकती है.
कब होती है एसिडिटी की परेशानी
एसिडिटी की दिक्कत तब आती है जब आप गलत समय पर गलत खा लेते हैं या खाने के बाद गलत ढंग से बैठते या सोते हैं. इसके अलावा शराब पीने, सिगरेट या फिर खाने में अतिरिक्त मिर्च डालने से भी आपको एसिडिटी हो सकती है. डॉक्टर्स का कहना है की ऐसी स्थिति में आपको ऐसे घरेलू उपायों की ज़्यादा ज़रूरत पड़ सकती है जो आपके पेट को ठंडक प्रदान करें और आराम पहुंचाएं. BLK-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर डायरेक्टर डाॅ.दीप गोयल ने एसिडिटी से निजात (Rid from Acidity) पाने के लिए यह घरेलू उपाय बताए हैं.
1. ठंडा दूध पिएं लेकिन कम मात्रा में
अगर आप लो फैट ठंडे दूध को पीते हैं तो इससे एसिडिटी से तुरंत राहत मिलती है. लेकिन इसकी मात्रा बहुत कम होनी चाहिए नहीं तो इसका उल्टा भी हो सकता है. ये हार्ट बर्न या जलन होने पर सबसे अच्छा असर दिखाता है .दूध में पाए जाने वाले कैल्शियम की मात्रा पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के किसी भी अतिरिक्त स्राव को रोकती है जिससे आपके शरीर को जलन या एसिड रिफ्लक्स के किसी भी अन्य दर्दनाक लक्षण से तुरंत राहत मिलती है.
ये भी पढ़ेंः Health Tips: चावल से जुड़ी ये बातें जान लेंगे तो कभी नहीं बढ़ेगा वजन
2. नारियल पानी
पेट दर्द, एसिडिटी, जलन, जी मिचलाना और पेट की गड़बड़ियों से राहत पहुंचाने में नारियल पानी बेहद कारगर है. इसका कूलिंग इफेक्ट तेजी से एसिडिटी से राहत दिलाता है. इसमें सोडियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व और इलेक्ट्रोलाइट्स पाए जाते हैं जो आपके पेट की PH value को बैलेंस रखता है.
3. सब्जियों का जूस
घीया और पुदीने के रस पानी में मिलाकर जूस बनाकर पीने से एसिडिटी दूर होती है. ये पाचन को बेहतर करने में भी फायदा पहुंचाता है.
4. सौंफ का पानी
सौंफ को खाने के बाद इसीलिए खाया जाता है क्योंकि ये पाचन में मदद करती है. सौंफ को आप बिना पानी में मिलाए भी खा सकते हैं.
ये भी पढ़ेंः 8 पॉइंट में जानिए K K को ऐसे आया था Heart Attack, आप भी न दोहराएं ये गलतियां
5. अदरक और तुलसी का मिश्रण
अदरक और तुलसी में न केवल एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं बल्कि इसमें हृदय-स्वस्थ पोषक तत्व होते हैं जो एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को कम कर सकते हैं. इसी प्रकार से तुलसी में पाए जाने वाले एंटी-अल्सर गुण गैस्ट्रिक एसिड स्राव के स्तर को कम कर सकते हैं. इसके लिए आपको अदरक और तुलसी को पानी में उबालना है और दिन में 2 से 3 बार इसका सेवन करना है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.