Diabetes और तरबूज - क्या खाना रहेगा ठीक? अगर हांं तो कितनी मात्रा है सही

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 27, 2022, 04:09 PM IST

तरबूज

शुगर के मरीज को तरबूज खाने की सलाह कुछ डाइट एक्सपर्ट्स देते हैं पर हर पेशेंट के लिए इसकी मात्रा अलग-अलग निर्धारित है

डीएनए हिंदी : गर्मी के इस मौसम में विभिन्न प्रकार के फलों का सेवन किया जाता है लेकिन तरबूज़ एक ऐसा फल है जिसे लोग गर्मियों के मौसम में सबसे ज़्यादा खाते हैं और बाजार में तरबूज़ बिक भी धड़ल्ले से रहा है.

आजकल ज़्यादातर लोग मधुमेह के रोग से परेशान हैं जिनके लिए मीठी चीज़ खाना बिलकुल न के बराबर है या मीठी चीज़ से उनको परहेज़ करने की सलाह दी जाती है. डायबिटीज के मरीज़ों को अपने खान पान का विशेष ध्यान देना होता है और अक्सर लोग तरबूज़ को लेकर विशेष सवाल करते है कि क्या शुगर में लोगों को तरबूज़ खाना चाहिए या नहीं. आम तौर पर मधुमेह के मरीज़ों को मीठा फल खाने के लिए मना किया जाता है और तरबूज़ भी एक मीठा फल ही है. डायबिटीज में मीठे फल के सेवन से शुगर की मात्रा में वृद्धि होती है. तरबूज़ में पाया जाने वाले पोषक तत्व हर इंसान के लिए फायदेमंद होता है. यह तापमान बढ़ने पर शरीर को हाइड्रेटेड रखता है

डायबिटीज में तरबूज खाना चाहिए या नहीं ? आइए जानते हैं कुछ ख़ास तथ्य -

डायबिटीज रोगियों में शुगर लेवल बढ़ने का खतरा हर समय रहता है. खास कर ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से मना किये जाते हैं जिनमें शुगर और ग्लूकोज की मात्रा होती है. शुगर के मरीज को तरबूज खाने की सलाह कुछ डाइट एक्सपर्ट्स देते हैं पर हर पेशेंट के लिए इसकी मात्रा अलग-अलग निर्धारित है. नेशनल सेंटर फॉर बायो टेक्नोलॉजी इंफार्मेशन के शोधकर्ताओं के अनुसार डायबिटीज पेशेंट सीमित मात्रा में तरबूज का सेवन कर सकते हैं. सही मात्रा में लिए जाने पर यह मधुमेह के रोगियों के लिए भी अच्छा स्नैक साबित होता है.

ज़रुरत से अधिक तरबूज पहुंचाता है हानि

दूसरी सबसे प्रमुख बात यह होती है कि अगर आप जरूरत से अधिक तरबूज खाते हैं तो यह नुकसान भी करेगा क्योंकि Glycaemic Index की नजर से देखा जाये तो तरबूज में शुगर और ग्लूकोज की मात्रा पर्याप्त होती है. पानी की अधिकता के कारण डायबिटीज रोगी इसका सेवन कर सकते हैं लेकिन मात्रा नियत होनी चाहिए. तरबूज में कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए और विटामिन सी की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है. इसे किडनी, ब्लड प्रेशर और आंखों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.

 

क्या होता हैं Glycaemic Index (GI)?

डायबिटीज  के मरीजों के लिए  ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) को समझना बहुत जरूरी है. इससे उन्हें अपने बढ़ते शुगर लेवल पर नजर रखने में मदद मिल सकती है. जीआई से खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट कंटेंट की वैल्यू और ब्लड ग्लूकोज लेवल पर पड़ने वाले उसके प्रभाव का पता चलता है. इस प्रकार डायबिटीज के रोगियों को जीआई फूड्स के बजाय हेल्दी फूड्स चुनने में मदद मिलती है.

Glycaemic index (GI) एक रेटिंग प्रणाली होती हैं जो खाने में मौजूदा carbohydrates को बताता है . इससे पता चलता हैं की आपका खाना कितनी जल्दी आपके ब्लड शुगर (glucose) लेवल पर असर करता हैं.

 

डायबिटीज  में कौन से फल खाने चाहिए ?

मधुमेह रोगी को ऐसे फल खाने चाहिए जिसमें शुगर की मात्रा कम हो. शुगर में फल खाने से पहले उसके  Glycaemic Index (GI) वैल्यू को जरूर जान लेना चाहिए. क्योंकि अगर शुगर में अधिक GI वैल्यू वाले फल खाते हैं, तो तेजी से शुगर लेवल बढ़ जाता है. शुगर में अमरूद, नाशपाती, संतरा, मौसमी, जामुन जैसे फल खाये जा सकते हैं.सेब , संतरे , अंगूर , चेरी और अमरुद जैसे फल न केवल डायबिटीज के लिए सुरक्षित माने जाते हैं बल्कि टाइप 2 डायबिटीज को भी कम करने में बेहद उपयोगी हैं.  इसके अलावा जिन्हे मीठा खाने का शौक है वो ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी भी खा सकते हैं जो शरीर को एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन C और K, फाइबर, पोटेशियम और मैंगनीज प्रदान करते हैं. टमाटर में विटामिन C और E के साथ  पोटेशियम  पाया जाता हैं और इन्हे कच्चा या सॉस के रूप में  खाया जा सकता है.

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