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Emotional Eating क्या बला है? जानिए इससे कैसे बचा जा सकता है?

Emotional Eating की आदत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हमारे मूड पर ही निर्भर करती है.आइए जानते हैं इससे बचने के उपाय.

Emotional Eating क्या बला है? जानिए इससे कैसे बचा जा सकता है?
Photo Credit: Zee News

डीएनए हिंदीः कुछ लोग छोटी-छोटी बातों पर टेंशन ले लेते हैं. किसी न किसी बात को लेकर उनके मन में नेगेटिव फीलिंग्स आ जाती है. नेगेटिव फीलिंग्स से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं. ऐसे में कुछ लोग मूड को ठीक करने के लिए खाना खाने का सहारा लेते हैं. 
खुद को खुश करने के लिए खानपान से जुड़ी चीजों का सहारा लेना इमोशनल ईटिंग (Emotional Eating) कहलाता है. इमोशनल ईटिंग की वजह से भूख न लगने पर भी खाना खाने की आदत लग जाती है. यह आदत एक समय के बाद सेहत को हानी पहुंचाती है. आइए जानते हैं इमोशन ईटिंग से बचने के लिए किन तरीकों को अपनाया जा सकता है. 

Emotional Eating से बचने के लिए मूड को रखें ठीक 
इमोशनल ईटिंग की आदत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मूड पर ही निर्भर करती है. अगर आपका मूड सही रहेगा तो आप इमोशनल ईटिंग की आदत से बचे रहेंगे. 
कोशिश करें कि आप उन लोगों के आसपास रहें जिनके साथ रहकर आपको अच्छा लगता है. वहीं जिन लोगों का स्वभाव और विचार ठीक न लगे उनसे थोड़ी दूरी बनाने की कोशिश करें. इससे आपका मूड कम से कम खराब होगा. 

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मूड को ठीक करने के ऑप्शन ढूंढे
मूड खराब होने पर लोग  इमोशनल ईटिंग करते हैं लेकिन इसके अलावा भी कई गतिविधियां हो सकती हैं जिन्हें करके लोगों को अच्छा महसूस होता हो. ऐसे में आप मूड खराब होने पर खाना खाने के अलावा कुछ और भी कर सकते हैं जिससे आपको खुशी मिले. 
तनाव से छुटकारा पाने के कई तरीके हो सकते हैं. आप शाॅपिंग या  ट्रेवलिंग के लिए जा सकते हैं. वहीं कुछ लोगों को पार्टी करके अच्छा महसूस होता है तो वह मूड ठीक करने के लिए पार्टी भी कर सकते हैं. 

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मेडिटेशन करें

आजकल के लाइफस्टाइल सें खुद को ठीक करने के लिए मेडिटेशन करने की सालह दी जाती है. इमोशनल ईटिंग से बचने के लिए भी आप मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं. 
अलग-अलह रिसर्च में भी इस बात का खुलासा हो चुका है कि मेडिटेशन करने से खानपान से जुड़े डिसऑर्डर ठीक हो जाते हैं.  साथ ही मेडिटेशन करने से मन बिल्कुल शांत हो जाता है. 

हेल्दी चीजे खाएं
कई बार लोग इमोशनल ईटिंग(Emotional Eating) का शिकार होने के बाद फास्ट फूड का सेवन करने लग जाते हैं जो कि सेहत के लिए ठीक नहीं है. ऐसे में आप कोशिश करें कि घर में कम से कम फास्ट फूड रखें.
इमोशनल ईटिंग के समय घर में सिर्फ हेल्दी चीजों का विकल्प मौजूद होने पर यह आदत काफी हद तक कम हो जाती है.  साथ ही हेल्दी चीजें खाने से सेहत पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है.

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