डीएनए हिंदी: आयुर्वेद की दवाओं में जड़ी-बूटियों और कंद-मूल का बड़ा योगदान है. आयुर्वेद में कई ऐसे उदाहरण भी हैं जिनमें हानिकारक पौधे या उसकी जड़ को प्रोसेस्ड कर कई बीमारियों का रामबाण तैयार कर लिया गया. वत्सनाभ भी ऐसा ही जहरीला पौधा है, जिसे प्रोसेस्ड कर वात्त, पित्त और कफ दूर करनेवाली दवा तैयार की जाती है.
यह औषधीय पौधा हिमालय पर होता है. दार्जिलिंग और पश्चिम बंगाल के कई इलाके में भी यह उगा हुआ दिखता है. वत्सनाभ का साइंटिफिक नाम Aconitum Ferox है. वत्सनाभ से शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द, एंग्जाइटी यानी बेचैनी और सांस संबंधी बीमारियों का इलाज किया जाता है. इसके अलावा यह बुखार को कम करता है और गठिया, दमा और डायबिटीज बीमारियों में भी इस्तेमाल होता है.
वत्सनाभ पर स्टडी
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के जर्नल पबमेड सेंट्रल में वत्सनाभ के औषधीय गुणों पर हुई स्टडी प्रकाशित हुई है. स्टडी में वत्सनाभ के एंटी-पायरेटिक, एनालजेसिक, एंटी-रुमेटिक, एपीटाइजर और डाइजेस्टिव गुणों की चर्चा है. आयुर्वेद का हवाला देते हुए इस स्टडी में कहा गया है कि वत्सनाभ में तीन दोष - वात्त, पित्त और कफ- को ठीक करने के गुण है. लेकिन पहले इसे अच्छी तरह प्रोसेस्ड कर दवा योग्य बनाना होता है.
इसे भी पढ़ें : पीरियड्स के दौरान शरीर में दिखने वाले इन बदलावों को न करें अनदेखा, लक्षण दिखते ही कराएं जांच
प्रोसेस करने का तरीका
पबमेड सेंट्रल के मुताबिक, सबसे पहले वत्सनाभ की जड़ को स्वस्थ्य गोमूत्र में 3 से 7 दिनों तक डूबाकर रखा जाता है. इसके बाद उसकी जड़ को अलग कर पूरे एक दिन धूप में सुखाया जाता है. इसके बाद गाय के दूध में वत्सनाभ की इस जड़ को 3 घंटे तक उबाला जाता है. उबाले जाने के बाद एकबार और वत्सनाभ की जड़ को सुखाया जाता है और तब इसका पाउडर तैयार किया जाता है.
टॉक्सिन का खात्मा
स्टडी के मुताबिक, बिना प्रोसेस वत्सनाभ का इस्तेमाल काफी नुकसानदेह होता है. प्रोसेस करने से सकी टॉक्सिन खत्म हो जाती है. रिसर्च के दौरान पाया गया है कि बिना प्रोसेस किया वत्सनाभ जब चूहों को दिया गया तो मृत्यु दर 100 फीसदी रही. पर जब प्रोसेस वाला वत्सनाभ दिया गया तो मृत्यु दर जीरो रही. अगर डोज भी बढ़ाया तो भी प्रोसेस वत्सनाभ का नुकसान नहीं देखा गया.
इसे भी पढ़ें : हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को जरूर खानी चाहिए ये 1 सब्जी, फैट और ट्राइग्लिसराइड लेवल रहेगा कंट्रोल
आयुर्वेद का दावा
आयुर्वेद भी वत्सनाभ को लेकर दावा करता है कि इससे गठिया या हड्डियों का असाध्य दर्द भी ठीक किया जा सकता है. इससे पाइल्स, डायरिया, अस्थमा आदि बीमारियां भी ठीक होती हैं. बुखार और डायबिटीज में भी इसका इस्तेमाल हो सकता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर