डीएनए हिंदी : कोविड के बढ़ते मामलों के दरमियान कई सारी बीमारियां पीछे छूटती जा रही हैं. लोग डेंगू सरीखी महामारी के प्रति भी लापरवाह होते जा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में डेंगू के कई मामले कई राज्यों में सामने आए हैं. बैंगलोर से पिछले हफ्ते आई ख़बर के मुताबिक़ इस साल मई की शुरुआत में कर्नाटक भर से 1417 केस दर्ज किए गए हैं. वहीं दिल्ली में बीते महीने के शुरूआती हफ़्ते में डेंगू के 82 मामले सामने आए. दिल्ली में लगातार डेंगू के केस सामने आ रहे हैं. दिल्ली में ठंडे महीनों जनवरी और फरवरी में भी क्रमशः 23 और 16 केस आए थे.
डेंगू का बढ़ता खतरा
नवंबर 2021 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के द्वारा राज्यसभा में दिए हुए आंकड़ों के मुताबिक़ 2021 में देश भर में डेंगू के 1,64,103 केस रिपोर्ट किये गए थे. अच्छी बात यह है कि भारत में डेंगू से होने वाली मृत्यु दर 1% से भी कम है. 2019 में डेंगू के दो लाख आंकड़े दर्ज किए गए थे. यह मच्छर जनित एक बीमारी है और मॉनसून के आगमन को देखते हुए इसकी संख्या में बढ़त की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. सरकार और स्थानीय प्रशासन लगातार डेंगू से जुड़ी हुई समस्याओं पर लोगों का ध्यान आकृष्ट करवाने की कोशिश में रहते हैं. दीगर बात यह है कि 2021 में डेंगू के मामलों पर कुछ राज्यों में वेक्टर कंट्रोल खराब होने की ख़बर भी आई.
क्या होता है वेक्टर कंट्रोल
वेक्टर कंट्रोल वास्तव में वह तरीक़ा होता है जिसके ज़रिये किसी भी जीव चाहे वह स्तनपाई हो, चिड़िया हो अथवा कीड़ा हो, उसकी संख्या को सीमित किया जाता है. इन तमाम जीवों को सम्मिलित रूप से वेक्टर कहा जाता है. ऐसा इन जीवों के द्वारा बीमारियों के प्रसार की रोकथाम के लिए किया जाता है. सबसे आम 'वेक्टर कंट्रोल' मच्छरों को भिन्न तरीक़े से कंट्रोल करने की नीति मानी जाती है.
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डेंगू के लक्षण और बचाव के उपाय
डेंगू के लक्षणों को अन्य बीमारियों जैसा भी समझा जा सकता है. इससे पीड़ित लोगों में अक्सर बुखार, दर्द, रैश या पेन की समस्या बनी रहती है. कई बार लोग उल्टी के साथ हड्डियों और जोड़ों के दर्द की शिकायत भी करते हैं.
डेंगू से बचने की कोई ख़ास दवाई नहीं है मगर लक्षणों के दिखते ही जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है. गंभीरता के मसले पर डेंगू के बीस में एक केस गंभीर हो जाता है.
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