बदलते मौसम में अगर बुखार है तो खुद के शरीर के साथ न करें एक्सपेरिमेंट, करें ये उपाय

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 05, 2023, 07:26 AM IST

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Immune System: अमूमन शुरुआती बुखार के दौरान हम अदरक, दालचीनी, तुलसी, अज्वाइन, लवंग का काढ़ा बनाकर पीना शुरू कर देते हैं. सच है कि इन पांचों चीजों में औषधीय गुण हैं. लेकिन इनसे आपके बुखार का इलाज हो जाएगा - यह ठोस दावा नहीं किया जा सकता. हां, ये चीजें आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर हैं.

डीएनए हिंदी : मौसम बदल रहा है और ऐसे में उनलोगों को ज्यादा परेशानी होती है जिनका इम्यून सिस्टम (Immune System, प्रतिरक्षा तंत्र) कमजोर है यानी जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है. ऐसे बदलते मौसम में बुखार को हमसब एक सामान्य बीमारी समझते हैं. लेकिन हमें इससे सतर्क रहने की जरूरत है. यह कई बार घातक भी साबित हो जाता है. कुछ लोग सलाह देते हैं कि लगातार बुखार आ रहा हो और कोई भी दवा असर न कर रही हो तो आक की जड़ लेकर उसे किसी कपडे़ में कस कर बांध लें. फिर उस कपड़े को रोगी के कान से बांध दें. बुखार उतर जायगा ! 
ऐसे सुझावों पर अगर आपका भरोसा है तो भले इस पर अमल करें. पर इसके साथ ही अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें. अमूमन शुरुआती बुखार के दौरान हम कुछ घरेलू नुस्खे आजमा कर बुखार के चंगुल से निकलने की कोशिश करते हैं. अदरक, दालचीनी, तुलसी, अज्वाइन, लवंग इनका काढ़ा बनाकर पीना शुरू कर देते हैं. इसमें कोई दो मत नहीं कि इन पांचों चीजों में औषधीय गुण (medicinal properties) हैं. लेकिन इनसे आपके बुखार का इलाज हो जाएगा - यह ठोस तरीके से दावा नहीं किया जा सकता. हां, ये औषधीय गुणों से भरपूर चीजें आपकी प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में ज्यादा कारगर हैं. यानी रोग होने से पहले आप अगर इनका इस्तेमाल करते हैं तो यह रोग से लड़ने की आपकी क्षमता को विकसित करती हैं.

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वायरल फीवर और बैक्टेरियल फीवर

किसी बीमारी की वजह पकड़ में आ जाए तो उसका इलाज आसान होता है. इसलिए अगर बुखार हुआ है तो घरेलू नुस्खे आजमाने से बेहतर है किसी कुशल और अनुभवी डॉक्टर से इलाज कराएं. चूंकि डॉक्टर हर मौसम में लोगों का इलाज कर रहे होते हैं इसलिए मौसमी बीमारियों के बारे में उनके अनुभव हमारे-आपके अनुभव से ज्यादा बेहतर होते हैं. वे अपने अनुभव और आपके सिम्टम के आधार पर समझ सकते हैं कि आपका बुखार किसी वायरस के कारण है या यह बैक्टेरियल है. वायरल फीवर (viral fever) हो तो एंटीबायोटिक्स काम नहीं करता, एंटीबायोटिक्स तभी काम करता है जब बैक्टेरियल फीवर (Bacterial fever) हो. वायरल फीवर होने पर एंटीवायरल दवाएं कारगर होती हैं. एंटीवायरल दवाएं वायरस को अपनी अधिक प्रतिकृति बनाने से रोकती हैं. 

अपने शरीर के साथ न करें एक्सपेरिमेंट

क्लीवलैंड की रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल फीवर होने से नाक बहना, खांसी, मतली, थकावट और शरीर में दर्द जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं. वायरल का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में तेजी से फैलता है. इसके लिए तुरंत मेडिकल इलाज की जरूरत होती है. हालांकि बैक्टेरियल फीवर के कुछ लक्षण वायरल फीवर के लक्षणों से मिलते जुलते हैं. इसलिए अपने शरीर के साथ खुद एक्सपेरिेमेंट न करें, बल्कि डॉक्टर की मदद लें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें.)

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