कोरोना के बाद अब डराने लगा Mpox वायरस, WHO ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

Written By सुमित तिवारी | Updated: Aug 08, 2024, 11:46 PM IST

Mpox Outbreak 2024: अफ्रीका में एक बार फिर से Mpox वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं. इसके खतरें को देखते हुए WHO भी पूरी तरह से अलर्ट है. WHO ने इमरजेंसी मीटिंग भी बुलाई है.

अफ्रीका में इन दिनों मंकीपॉक्स वायरस (monkeypox virus) तेजी से पैर पसार रहा है. मंकीपॉक्स एक गंभीर बीमारी है जो दिन-प्रितदिन लोगों को अपना शिकार बना रही है. इसका संक्रमण भी कोरोना की तरह एक से दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है. अब से ठीक एक साल पहले भी दुनिया में monkeypox virus के मामले सामने आए थे. 

फिर से बढ़ने लगे  Mpox वायरस के मामले
एक बार फिर से इस बीमारी के मामलों में इजाफा हुआ है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक, बीते कुछ दिनों से अफ्रीका में मंकीपॉक्स वायरस के केस आ रहे हैं. इस स्तिथि को देखते हुए देश में अलर्ट जारी किया गया है. WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने इस पर चिंता जाहिर की है. 

उन्होंने अपने X हेंडल पर एक पोस्ट कर बताया कि इस पर वे एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमन आपातकालीन समिति (international health regulations emergency committee) बनाने पर विचार कर रहे हैं. 

 

पूरी तरह से अलर्ट है WHO 
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि 'पिछले 6 महीने जितने मामले सामने आए है वो पिछले साल के मामलों के बराबर हैं. उन्होंने आगे कहा कि 'हम इसको लेकर पूरी तरह से अलर्ट है. फिलहाल मौजूदा स्तिथि में प्रभावित देशों पर किसी प्रकार से यात्रा पर रोक नहीं लगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस वायरस के खिलाफ इम्यूनाइजेशन के लिए दो टीके मौजूद हैं.' 

क्या होते हैं इस वायरस के लक्षण
इस वायरस के लक्षण भी कोरोना वायरस से मिलते-जुलते हैं. मंकीपॉक्स वायरस (monkeypox virus) के लक्षण 7 से 14 दिनों में दिखाई देना शुरू हो जाते हैं. इस संक्रमण में बुखार, रैश, लिंफ नोड्स में सूजन, सिर में दर्द, मसल्स में दर्द, फटीग और बैक पेन जैसे लक्षण सामने आते हैं.   

बचाव का क्या है तरीका
इस वायरस से फैलने वाले संक्रमण का सबसे बड़ा कारक है इंफेक्टेड एनिमल. इस वायरस के संक्रमण से प्रभावित जानवरों के संम्पर्क में आने से इंसान भी इसकी चपेट में आ जाते हैं. इससे बचने का सबसे आसान तरीका है कि किसी भी ऐसे जानवर की चपेट में न आए जो इस वायरस से इंफेक्टेड हो. इस वायरस के चपेट में आने वाले मरीज को तुरंत आइसोलेट करना चाहिए. 
 

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