Diabetes Control Tips: आयुर्वेद में है डायबिटीज का बेस्ट इलाज, ये जड़ी-बूटियां शुगर को बढ़ने नहीं देंगी

अनुराग अन्वेषी | Updated:Dec 14, 2023, 12:28 PM IST

High Blood Sugar Control

Sugar Control Tips: कासगंज के कलावती आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के प्रिंसिपल सह सुपरिंटेंडेंट डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि आयुर्वेद में मधुमेह को मूत्र संबंधी असामान्यता कहा जाता है. आयुर्वेद में मधुमेह के इलाज में हर्बल दवाएं और पंचकर्म उपचार शामिल हैं.

डीएनए हिंदी : शुगर यानी मधुमेह की बीमारी अब बेहद आम है. वैसे एक सच यह है कि यह अपने आप में कोई रोग नहीं है, बल्कि यह कई रोगों का जनक है. यह भी एक वजह है कि इसे 'स्लो किलर' कहा जाता है. शुगर की वजह से आंखें, दिल, तंत्रिका तंत्र, पैर और गुर्दे भी प्रभावित हो सकते हैं.
कासगंज के कलावती आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर के प्रिंसिपल सह सुपरिंटेंडेंट डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि आयुर्वेद में मधुमेह को मूत्र संबंधी असामान्यता कहा जाता है. आयुर्वेद में मधुमेह के इलाज में हर्बल दवाएं, पंचकर्म उपचार, इसकी विभिन्न प्रक्रियाएं (वमन, विरेचन, वस्ति, आदि) और कई अन्य शामिल हैं. 

जड़ी-बूटियां असरदार

डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक, ऐसी कई जड़ी-बूटियाँ हैं जो मधुमेह को प्रबंधित करने में मदद करती हैं. हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन में ऐसे गुण होते हैं जो खून में शुगर के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करते हैं. मेंथी, दालचीनी, एलोविरा, कड़वा तरबूज, करेला, आदि कई जड़ी-बूटियों और फलों का स्वाद कड़वा है. यह कड़वा गुण शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है.

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भरपेट की बजाए थोड़ा-थोड़ा कई बार खाएं

डॉ. नागेंद्र कहते हैं कि आयुर्वेद में मधुमेह के उपचार के लिए आहार में बदलाव जरूरी है. मधुमेह के रोगियों को कसैला या कड़वा भोजन करना चाहिए. यही वजह है कि करेला, मूंग, जौ को आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है. आहार में भरपूर मात्रा में वैसे फल और सब्जियां शामिल होने चाहिए जिनमें फाइबर की मात्रा भरपूर हो. खाना बनाते समय हल्दी, जीरा, धनिया और इलायची जैसे मसालों का इस्तेमाल करना चाहिए. रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकने के लिए तीन भारी भोजन खाने के बजाय 5 या 6 छोटे भोजन खाए जा सकते हैं.

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टाइप II मधुमेह रोगी ध्यान दें

टाइप II मधुमेह के आयुर्वेदिक उपचार में हर्बल उपचारों का उपयोग शामिल है, जो खून में शुगर लेवल को नियंत्रित करते हैं. आयुर्वेद में मधुमेह के उपचार में उपयोग की जाने वाली कुछ लोकप्रिय जड़ी-बूटियों में जिम्नेमा या गुरमार महत्त्वपूर्ण है. इसमें चीनी की लालसा को कम करके 'चीनी को नष्ट' करने का गुण होता है. मेथी या मेथी के बीज में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है. जामुन एक ऐसा फल है जो शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है. नीम और तुलसी दो अन्य सामान्य जड़ी-बूटियां हैं, जो मधुमेह के इलाज में सहायक हैं. ये शरीर में इंसुलिन प्रबंधन को बेहतर बनाने में मदद करती हैं.

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