छठे महीने से प्रेग्नेंसी में न करें ये 3 गलतियां, पेट में पल रहे बच्चे को हो सकता है नुकसान

Written By अनामिका मिश्रा | Updated: Jan 05, 2024, 04:51 PM IST

प्रेग्नेंसी के छठे महीने में महिलाओं के शरीर में क्या बदलाव होते हैं  (सांकेतिक तस्वीर)

Mistake Women Should Avoid During Pregnancy: प्रेग्नेंसी के छठे महीने में महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं. छठा महीना शुरू होते ही कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है.

डीएनए हिंदी: छठा महीना शुरू होते ही प्रेग्नेंट महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं. शरीर में होने वाले बदलाव महिलाओं को अच्छे लगते हैं, लेकिन कई बार यह मानसिक और शारीरिक परेशानियों का कारण बन जाते हैं. छठे महीने से प्रेग्नेंट महिलाओं को कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. आज हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताएंगे जो प्रेग्नेंसी के छठे महीने से नहीं करनी चाहिए. इन गलतियों की वजह से मां और गर्भ में पलने वाले बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है.

लक्षण
प्रेग्नेंसी के छठे महीने से पेट का आकार बढ़ा हुआ दिखने लगता है, कब्ज और अपच की समस्या हो सकती है, बार-बार कुछ खाने की क्रेविंग होती है, पीठ में दर्द महसूस होता है और पैरों में सूजन की समस्या भी होती है.

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सावधानियां

1.पैर और पेट पर ज्यादा दबाव न डालें
प्रेग्नेंसी के छठे महीने में पैर और पेट पर ज्यादा दवाब डालना सही नहीं होता है. छठे महीने में गर्भाशय बड़ा हो जाता है. ऐसे में पैर और पेट पर ज्यादा दवाब पड़ने पर बच्चे की मूमेंट पर असर पड़ सकता है. जिसकी वजह से प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा भी रहता है. 

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2.झुक कर चीजें न उठाएं
चौथे महीने से ही प्रेग्नेंट महिलाओं को नीचे झुककर चीजें न उठाने की सलाह दी जाती है. नीचे झुकने से पेट बड़ा होने के कारण उस पर ज्यादा दबाव पड़ता है. ऐसे में गर्भाशय के अंदर पल रहे बच्चे का दम घुट सकता है. इसलिए प्रेग्नेंसी के छठे महीने में महिलाओं को ऐसे काम नहीं करने चाहिए जिसमें उन्हें नीचे झुक कर चीजें उठाना पड़े.

3.सीफूड अवॉइड करें
छठे महीने में प्रेग्नेंट महिलाओं को मछली, केकड़ा और झींगे जैसे सीफूड नहीं खाना चाहिए. सीफूड में मरकरी की मात्रा अधिक होती है जो गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है. कई बार प्रेग्नेंसी में सीफूड इसलिए भी नहीं चाहिए क्योंकि इसकी वजह से प्रेग्नेंट महिलाओं को सूजन, चकत्ते, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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