Stress Signals: सेहत के लिए तनाव है खतरनाक, इन 10 संकेतों से समझिए कहीं आप भी तो चपेट में नहीं

अगर आप लंबे वक्त तक तनावग्रस्त (Stress) हैं तो इसे क्रॉनिक स्ट्रेस कहते हैं. हम आपको बता रहे हैं तनाव के उन 10 संकेतों के बारे में जो गंभीर स्थिति की ओर इशारा करते हैं.

डीएन हिंदी: हम सब कभी न कभी तनाव (stress) से गुजरते ही हैं. तनाव अपने आप में खराब चीज नहीं है. आइए जानें उन लक्षणों के बारे में जिनके लगातार महसूस होने पर आपको सतर्क होने की जरूरत है. 
 

पीठ दर्द

अगर आप पीठ या कंधों में लगातार दर्द महसूस करते हैं तो ये क्रॉनिक स्ट्रेस (chronic stress) की ओर इशारा है. अगर आप लंबे समय से तनाव में हैं तो आपकी गर्दन, पीठ और कंधों में अकड़न महसूस होगी. 

सिरदर्द

आपके शरीर में हर चीज आपस में जुड़ी हुई है. इसलिए मांसपेशियों का तनाव आपको सिरदर्द या यहां तक कि माइग्रेन भी दे सकता है. अगर आपके कंधों या पीठ में दर्द रहता है, तो आप सिरदर्द की सीधी जद में हैं. 
 

सांस फूलना

क्या आपको पता है कि तनाव की वजह से आपके सांस लेने की प्रक्रिया में भी बाधा पैदा हो सकती है? अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो ये तनाव के संकेत हैं. यही वजह है कि तनावग्रस्त लोग जल्दी जल्दी सांस लेते हैं. ऐसी स्थिति में गहरी सांस लें तो थोडा आराम मिल सकता है. 

अस्थमा

रिसर्च में पाया गया है कि क्रॉनिक स्ट्रेस की स्थिति में अस्थमा के अटैक जल्दी जल्दी आ सकते हैं. हालांकि ये उन लोगों में होता है जो पहले से अस्थमा से पीडित हों. हालांकि तनाव में रहने वाले लोगों को सांस की बीमारी, जैसे सर्दी जुकाम, जल्दी जल्दी होने का खतरा रहता है. इसकी एक वजह तनाव की वजह से इम्यून सिस्टम का कमजोर होना भी बताया जाता है. 

पेट की समस्या

कुछ लोगों को तनाव के दौरान पेट गड़बड़ होने की समस्या रहती है. ऐसे लोग ज्यादा तनावग्रस्त होने पर जल्दी जल्दी टॉयलेट जाने लगते हैं. ऐसे लोगों को डायरिया और कब्ज आसानी से हो सकता है. 
 

याद्दाश्त की समस्या 

क्या आप जल्दी भूल जाते हैं? अगर हां, तो आप भी क्रॉनिक स्ट्रेस के शिकार हैं. तनाव की वजह से डोपामाइन हॉर्मोन का उत्पादन घट सकता है. डोपामाइन हमारी याद्दाश्त, निर्णय लेने की क्षमता और हमारे व्यवहार के लिए जिम्मेदार न्यूरोट्रांसमिटर होता है. अगर आप ज्यादा तनाव में होंगे तो याद्दाश्त कमजोर होगी और जल्दी निर्णय भी नहीं ले सकेंगे. 
 

मुंहासे 

तनाव की वजह से मुंहासे और फुंसियां भी हो सकती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तनाव के दौरान कॉर्टिसोल नाम का हॉर्मोन तेजी से बनने लगता है. इसकी वजह से हमारी त्वचा से ज्यादा तेल निकलने लगता है. ये मुंहासों का कारण होते हैं. 

यौनइच्छा में कमी 

अगर आपकी सेक्स में रुचि पहले की अपेक्षा अब कम हो गई है, तो ये इशारा है कि आप क्रॉनिक स्ट्रेस की गिरफ्त में हैं. स्ट्रेस हॉर्मोन महिला और पुरुष दोनों की यौन इच्छा पर विपरीत असर डालता है. हालांकि, महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित पाई गई हैं.

वजन में उतार चढ़ाव

कभी-कभी तनाव की वजह से ब्रेन हमें ठीक समय पर खाने का सिग्नल नहीं दे पाता. यानी तनाव में रहने के दौरान हमें भूख नहीं लगती. ऐसे में हम पौष्टिक खाने की बजाय अस्वास्थ्यकर खाना खाने लगते हैं. इससे हमारा वजन बढ़ जाता है. तनाव की वजह से मोटापा काफी तेजी से बढ़ता है. कभी-कभी उलटा भी होता है और तनाव की वजह से वजन घटने भी लगता है. 

नींद में बाधा 

तनाव की वजह से हमारे मस्तिष्क में बना कॉर्टिसोल हॉर्मोन हमारी नींद को भी प्रभावित करता है, तनावग्रस्त लोगों को नींद भी कम आती है. नींद पूरी न होने से चिड़चिड़ापन बन जाता है.