हीमोग्लोबिन का कम होना एनीमिया रोग का कारण बनता है. इसकी कमी के कई वजह हो सकते हैं. कई बार ये ऑयरन, फोलिक एसिड या थैलेसिमिया जैसी गंभीर बीमारियों के कारण भी होता है. एनिमिया में खून में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होने लगती है. एनीमिया के तीन मुख्य कारण हैं- रक्त की कमी, लाल रक्त कोशिका के उत्पादन में कमी और लाल रक्त कोशिका का तेजी से खराब होना.
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नेशनल हेल्थ पोर्टल ऑफ इंडिया (NHP) के अनुसार, पुरुषों में हीमोग्लोबिन की मात्रा 13.8 से 17.2 ग्राम/डीएल जबकि महिलाओं में 12.1 से 15.1 ग्राम/डीएल होनी चाहिए.
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जिन स्थितियों से एनीमिया हो सकता है उनमें शामिल हैं- हैवी पीरियड्स, गर्भावस्था, अल्सर, कोलन पॉलीप्स या कोलन कैंसर, वंशानुगत विकार, ऐसा खाना जिसमें पर्याप्त आयरन, फोलिक एसिड या विटामिन बी न हो, कोई रक्त विकार जैसे सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया, या कैंसर.
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एनीमिया में हमेशा थकान, सिरदर्द, शरीर ठंडा, चक्करआना और चिड़चिड़ापन आदि नजर आता है. कई बार सांस लेने में दिक्कनत और बेचैनी भी महसूस होती है.
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आयरन की कमी पूरी करने के लिए सबसे अधिक निर्धारित की जाने वाली खुराक फेरस सल्फेट है, जिसे मौखिक रूप से दिन में दो या तीन बार लिया जाता है. इसके अलावा आपको आयरन से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए, जिनमें शामिल हैं- गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक, आयरन-फोर्टिफाइड अनाज, साबुत अनाज, जैसे ब्राउन राइस, फलियां, नट्स, मांस, खुबानी आदि.
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खून की बेतहाशा कमी से कई बार कोमा या जान भी जा सकती है. इससे इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकता है. खून की कमी वाले लोगों में हृदय या फेफड़ों के रोग हो सकते हैं. गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी प्रसव के समय जानलेवा हो सकती है या बच्चेओ में जन्मकजात परेशानी आ सकती है.