Ayurvedic Treatment For Kidney Failure: किडनी फेलियर से बचाएंगी ये 6 जड़ी बूटियां, नहीं आएगी Dialysis की नौबत
Ayurvedic Treatment For Kidney Failure: अगर आपकी किडनियां भी खराब होने लग रही हैं तो आज से ही इन जड़ी-बूटियों का सेवन करें. इनके सेवन से आपकी थकी हारी किडनियों में फिर जान आ जाएगी.
पुनर्नवा (Punarnava or Boerhavia diffusa benefits for Kidney) आयुर्वेद में एक प्रसिद्ध जड़ी बूटी है, जो मूत्र प्रवाह को बढ़ावा देती है और गुर्दे से टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करती है. यह भी माना जाता है कि इसमें सूजन-रोधी प्रभाव होते हैं, जो किडनी की सूजन को कम करने और आगे होने वाले नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं.
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किडनी विकारों के लिए आयुर्वेदिक तैयारी में गोक्षुरा (Gokshura or Tribulus terrestris benefits for Kidney) का आमतौर पर उपयोग किया जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो किडनी को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने और और हेल्दी यूरीन फ्लो को बनाए रखने में मदद करता है.
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वरुणा (Varuna or Crataeva nurvala benefits for Kidney) एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो अपने मूत्रवर्धक और सूजन-रोधी गुणों के लिए जानी जाती है. यह किडनी फंक्शनिंग को सपोर्ट करने, यूरीन के रास्ते को इंफेक्शन से बचाने, किडनी स्टोन को बनने से रोकन के लिए किया जाता है.
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आयुर्वेद में कासनी को इसके नेफ्रोप्रोटेक्टिव गुणों के लिए जानी जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह गुर्दे के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है, सूजन को कम करती है, और किडनी टिश्यू को नुकसान से बचाता है.
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दारुहरिद्रा एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है जिसका पारंपरिक रूप से आयुर्वेद में किडनी विकारों के लिए उपयोग किया जाता रहा है. यह अपने एंटी इंफ्लेमेटरी और मूत्रवर्धक गुणों के लिए जाना जाता है. जो किडनी की कार्यक्षमता में सुधार करने और किडनी फेलियर के जोखिम को कम करने में मदद करता है.
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पुनर्नवा मंडूर एक आयुर्वेदिक फॉर्मुला है जो पुनर्नवा को अन्य जड़ी-बूटियों और खनिजों के साथ मिलाकर बनाया गया है. यह आमतौर पर गुर्दे की कार्यप्रणाली को बेहतर करने, रक्त परिसंचरण में सुधार करने और शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने के लिए उपयोग किया जाता है.