बच्चें हो या बड़ें, खाना खाने का टाइम-टेबल जरूर होना चाहिए. ऐसा ना होने पर बच्चा कभी भी कुछ भी खा लेता है जिससे खाना खाने की आदत खराब हो जाती है. वे किसी भी समय चिप्स, बिस्किटज जैसी चीजें खाने लग जाते हैं. इससे बेहतर है कि आप ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर करने का एक समय रखें. बच्चों को घर का बना खाना खाने के समय बाहर का खाना ना खाने दें.
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स्वाद के साथ-साथ खाना सेहतमंद भी होना चाहिए. ऐसे में आप बच्चों को जो भी परोसे उन्हें उससे मिलने वाले फायदों के बारे में भी बताएं. उन्हें बताने की कोशिश करें कि पौष्टिक आहार कितना ज़रूरी है.
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आमतौर पर बच्चों को अच्छी प्रज़ेंटेशन वाली डिशेज खाने का मन करता हैं. ऐसे में अगर आप उन्हें फ्रूट्स स्टार या अन्य किसी शेप में काटकर देंगे तो वह उन्हें खुश हो कर खा लेंगें. रोटी पर स्माइली बनाकर या रोटी का रोल बनाकर देने पर भी बच्चे खुश हो कर रोटी खाते हैं.
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बच्चों को बार-बार एक ही तरह का खाना देने पर वे बोर हो जाते हैं. यह उनकी अन्य खाने के प्रति अरुचि भी तैयार करता है. ऐसे में कोशिश करनी चाहिए कि बच्चे को हर रोज बदल कर भोजन दिया जाए.
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बच्चों को खाना खिलाने के लिए मारपीट का सहारा नहीं लेना चाहिए. ऐसा करने पर उनके मन में पेरेंट्स की इमेज खराब हो जाती है. यह उनके मानसिक विकास को भी अवरुद्ध कर सकता है.