अगर आप पथरी से परेशान हैं तो पत्थचट्टा के पत्तों का सेवन शुरू कर सकते हैं. यह गुर्दे में फंसी पथरी को पेशाब के रास्ते बाहर कर सकते हैं. आयुर्वेद में इसे पाषाण भेद कहा जाता है.
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अगर आप कब्ज या पेट की अन्य किसी समस्या से परेशान हैं तो पत्थरचट्टे का सेवन कर सकते हैं. इसकी पत्तियों का इस्तेमाल पेट से विषाक्त पदार्थों को बाहर कर पेट की सफाई कर सकता है.
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पत्थरचट्टा के पत्तों के रस का सेवन करना भी बेहद फायदेमंद होता है. यह बवासीर में बेहद लाभदायक होता है.
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पत्थरचट्टा के पत्तों को उबालकर इसका रस या काढ़ा बनाकर पीने से वेजाइन इंफेक्शन से राहत मिल जाती है. यह कारगर दवा का काम करता है.
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पत्थरचट्टा के पत्तों का लेप बनाकर खुजली की जगह, रैशेज या चोट वाली जगह पर लगाने से तेजी से आराम मिल जाता है.