डीएनए हिंदी: आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ऐसी बहुत सी दवाएं हैं जो आपके सेक्स ड्राइव को कम करने का काम करती हैं. ये इन दवाओं का साइड इफेक्ट होता है. ये दवाएं आम बीमारियों में ही नहीं, कुछ गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल या बीपी को कंट्रोल करने के लिए भी प्रयोग होती हैं.
अगर आप भी कुछ दवाएं खा रहे हैं और आपका मन सेक्स करने से हटने लगा है तो आपको इस खबर को जरूर पढ़ना चाहिए. खास बात ये है कि यहां बताई जाने वाली दवाएं न केवल सेक्स ड्राइव पर इफेक्ट डालती हैं, बल्कि फर्टिलिटी पर भी इनका असर दिखता है.
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ये 10 दवाएं आपकी मैरिड लाइफ को बनाती हैं बोरिंग
एंटीडिप्रेसेंट्स: अवसाद रोधी ये दवाएं आपकी सेक्स ड्राइव पर असर डालती हैं. इन दवाओं के आम दुष्प्रभावों के कारण मैरिड लाइफ में काफी असर पड़ता है.
स्टैटिन और फाइब्रेट्स: स्टैटिन और फाइब्रेट्स जैसी दवाएं हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए यूज होती हैं और ये दवाएं भी सेक्स ड्राइव पर बुरा असर डालती हैं. ये दवाएं ज्यादातर टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन और अन्य सेक्स हार्मोन के उत्पादन को कम कर देती हैं. स्टैटिन लेने वाले पुरुषों और महिलाओं दोनों में सेक्स की इच्छा कम हो जाती है.
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हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं: हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं भी मैरिड लाइफ को इफेक्ट करती हैं. पुरुषों में इन दवाओं के प्रयोग से इरेक्शन और स्खलन प्रभावित होता है. महिलाओं में, योनि का सूखापन, इच्छा में कमी और सुख प्राप्त करने में कठिनाई पैदा करता है.
बर्थ कंट्रोल पिल्स: ओरल गर्भनिरोधक गोलियां भी सेक्स ड्राइव को इफेक्ट करती हैं. ये गोलियां कामेच्छा को प्रभावित करने वाले सेक्स हार्मोन के स्तर को कम कर देती हैं.
दर्द निवारक दवाएं: दर्द निवारक सिर्फ दर्द ही नहीं, आपकी सेक्स ड्राइव को भी कम करती हैं. से ज्यादा मारता है। दर्द निवारक दवाएं पुरुषों और महिलाओं दोनों में सेक्स हार्मोन के लिए जिम्मेदार टेस्टोस्टेरोन और अन्य हार्मोन के उत्पादन को कम कर देती हैं.
एंटीहिस्टामाइन: एंटीहिस्टामाइन मुख्य रूप से एलर्जी की दवाओं में प्रयोग होती हैं. छींक और नाक बहना रोकने वाली ये दवाएं पुरुषों में स्तंभन दोष या स्खलन की समस्या और महिलाओं में योनि का सूखापन पैदा करती हैं.
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प्रोस्कर: प्रोस्टेट के इलाज के लिए प्रोस्कर यूज होती है और ये टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को रोकती है.
मनोरोग दवाएं- एंटीसाइकोटिक्स जैसी दवाएं जो सिज़ोफ्रेनिया, बायपोलर डिसऑडर और अन्य गंभीर मनोरोग स्थितियों में यूज की जाती हैं. एसिटाइलकोलाइन यौन क्रिया को कई तरह से प्रभावित करता है.
बेंजोडायजेपाइन-ट्रैंक्विलाइज़र: बेंजोडायजेपाइन, जिसे आमतौर पर ट्रैंक्विलाइज़र के रूप में जाना जाता है और इसका का उपयोग चिंता, अनिद्रा, या मांसपेशियों में ऐंठन में राहत दिलाने के लिए किया जाता है. येदवाएं भी टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को प्रभावित करती हैं. बेंजोडायजेपाइन के सबसे आम दुष्प्रभाव कमजोर ओर्गास्म, दर्दनाक संभोग, स्तंभन दोष और स्खलन की समस्याएं होती हैं.
सिमेटिडाइन: इसका उपयोग मुख्य रूप से पेप्टिक अल्सर के उपचार में किया जाता है. यह सीधे पुरुषों में एंड्रोजन रिसेप्टर के लिए टेस्टोस्टेरोन और डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन की बाइंडिंग को प्रभावित करता है. Cimetidine के एंटी-एंड्रोजन गुण पुरुषों में नपुंसकता का कारण बनता है.
ये सिर्फ 10 दवाएं हैं जो सेक्स हार्मोंस पर सीधे तौर पर असर डालती हैं और उनका उत्पादन कम कर देती हैं. इससे सेक्स ड्राइव इफेक्ट होती है और जिसका असर मैरिड लाइफ में भी पड़ता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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