पीलिया जब 'Black Jaundice' में बदलने लगता है, नज़र आते हैं ये 10 लक्षण

ऋतु सिंह | Updated:Dec 11, 2022, 05:25 PM IST

पीलिया कब बदल जाता है ब्‍लैक जॉ‍न्डिस में, ऐसे पहचानें लक्षण  

Black Jaundice Sign: पीलिया (Jaundice) का जब सही इलाज नहीं होता है तो ये खतरनाक रूप ले लेता है. जॉन्डिस का बिगड़ा रूप 'काला पलिया' (Black Jaundice) के नाम से भी जाना जाता है. इसकी पहचान कुछ खास लक्षणों को देखकर की जा सकती है.

डीएनए हिंदी: पीलिया (Jaundice) के शुरुआती लक्षणों (Symptoms को अगर इग्‍नोर किया जाए तो यह लिवर को तेजी से खराब करने लगता है. इससे स्किन सूखी और काली होने लगती है और इसे ही ब्लैक जॉन्डिस यानी काला पीलिया (Black Jaundice) कहा जाता है. ये स्थिति हेपेटाइटिस बी और सी वायरस के संक्रमण की वजह से होती है.

पीलिया  में स्किन (Skin), म्यूकस मेम्ब्रेन (Mucus Membrane) और आंखों के सफेद (Whites of Eyes) हिस्से ही नहीं, धीरे-धीरे शरीर का रंग भी पीला पड़ने लगता है. मानसूनी सीजन में सबसे ज्‍यादा होने वाली बीमारियों में से ये एक है. गंदे पानी या कटे हुए फल अथवा खाने की वजह से ये बीमारी होती है. 

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इस बीमारी में लिवर या बाइल डक्ट (पित्त की नलिकाओं) में परेशानी आने लगती है और लिवर में वसा की परत चढ़ने लगती है. इससे लिवर सही तरीके से काम नहीं कर पाता. जब लिवर सही तरीके से काम नहीं कर पाता तो इससे खून में बिलीरुबिन नामक पदार्थ बनने लगता है. बिलीरुबिन के बढ़ने से ही आंख से लेकर स्किन तक पीले होने लगते हैं. जब पीलिया बिगड़ कर हेपेटाइटिस बी या सी में बदलने लगता है तो उस स्थिति को काला पीलिया कहा जाता है. 

हेपेटाइटिस संक्रमण के खतरे
पीलिया जब हेपेटाइटिस में बदलता है तब इसके एक से दूसरे में फैलने के चांस बढ़ जाते हैं. इसक वायरस हालांकि छींकने या खांसने या ड्रॉपलेट से तो नहीं फैलता लेकिन ये खून, वीर्य या शरीर के अन्य तरल पदार्थों के टच में आने से दूसरे को हो सकता है. वहीं ये गर्भवती मां से बच्‍चे को भी हो सकता है. 

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काला पीलिया के लक्षण
काला पीलिया होने पर सिर दर्द का बढ़ना, लो-ग्रेड बुखार, मितली और उल्टी, भूख एकदम न लगना, स्किन का बेहद ड्राई और खुजली का बढ़ना, बेहद थकान-कमजोरी का बढ़ जाना होता है. पीलिया में स्किन और आंख और नाखून पीले होते हैं और काला पीलिया में इनका पीलापन और बढ़ जाता है. स्‍टूल और यूरिन का रंग बेहद गहरा पीला होता है. बुखार बढ़ता जाता है और वेट कम होने लगता है. 

​काला पीलिया की जटिलताएं
हेपेटाइटिस बी और सी वायरस लिवर के फेल्योर, लिवर कैंसर और सिरोसिस या लिवर की कार्यक्षमता को पूरी तरह से डैमेज कर देता है. ये स्थिति‍ ही काला पीलिया की होती है. काला पीलिया के कारण लंबे समय से हेपेटाइटिस से पीड़ित लोगों को लिवर की बीमारी या खून ले जाने वाली नसों में सूजन हो जाता है. 

क्‍या काला पीलिया का इलाज है
काला पीलिया का बेहतर इलाज तभी संभव है, जब समय रहते इसके बारे में पता चल जाए और ऐतिहात के साथ इलाज किया जाए.  कुछ मामलों में चोट या नुकसान की गंभीरता के आधार पर लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है. काला पीलिया यानी हेपेटाइटिस का टीकाकरण बीमारी से बचा सकता है. 

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 


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