डीएनए हिंदी: विटामिन और खनिज वो आवश्यक पोषक तत्व हैं जो शरीर को हेल्दी रखने के साथ कई तरह की बीमारियों से भी बचाते हैं. विटामिन संक्रमण से लड़ने से लेकर हड्डियों की मजबूती, मस्तिष्क की क्रियाशीलता, हार्मोनल संतुलन तक के लिए जरूरी है. हाल ही में यूनाइटेड किंगडम की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने एक स्टडी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया है कि आंखों की रोशनी कम होने से जाने तक के लिए दो तरह के विटामिन की कमी जिम्मेदार हैं.
आपको बता दें कि शरीर को 13 आवश्यक विटामिन की आवश्यकता होती है, जो विभिन्न खाद्य स्रोतों से मिलते हैं. हर विटामिन का काम शरीर में अलग-अलग होता है. थकान, कमजोरी, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन से लेकर हड्डियों के घनत्व में कमी, बार-बार चोट लगने से लेकर त्वचा के रंग में बदलाव जैसे कई लक्षण विटामिन की कमी का संकेत होते हैं. तो चलिए जाने वो दो कौन से विटामिन हैं जो आंखों की रौशनी को प्रभावित करते हैं.
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नजर कमजोर होने के लिए जिम्मेदार विटामिन
विशेषज्ञों का मानना है कि विटामिन ए और बी12 की कमी से आंखों की रोशनी कम होती है. अगर समय रहते इनकी कमी दूर न हुई तो ये रौशनी को खत्म कर सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, विटामिन ए की कमी से कॉर्निया बहुत शुष्क हो जाता है और इससे अंधेपन की समस्या हो सकती है. इस विटामिन की कमी से रेटिना और कॉर्निया को नुकसान पहुंचता है. वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी के आंकड़े बताते हैं कि अनुमानत: 250 000-500 000 बच्चे जो विटामिन ए की कमी से जूझते हुए अंधेपन के शिकार हो जाते हैं.
विटामिन बी12 की कमी भी होती है अंधेपन के लिए जिम्मेदार
विटामिन बी 12 मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के साथ कोशिकाओं के कार्य और विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व है, इसकी कमी से ऑप्टिक न्यूरोपैथी हो सकती है. इसकी कमी आंंखों की रौशनी को खत्म कर देती है. एसोसिएशन ऑफ स्कूल एंड कॉलेज ऑफ ऑप्टोमेट्री की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है.
ऐसे पहचाने विटामिन ए की कमी का संकेत
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, रतौंधी विटामिन ए की कमी का पहला लक्षण होता है. अन्य लक्षणों में संक्रमण, ज़ेरोफथाल्मिया - एक ऐसी स्थिति जिसमें आँखें बहुत शुष्क हो जाती हैं, स्किन में जलन, ग्रोथ रुक जाना, प्रजनन से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं.
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विटामिन बी12 की कमी के संकेत
- स्किन का हल्का पीला होना
- लाल जीभ होना (ग्लोसाइटिस)
- मुंह के छालें
- हाथ या पैर में पिन और सुई की चुभन (पेरेस्टेसिया)
- एकाग्रता में कमी और धुंधलापन महसूस होना
- चिड़चिड़ापन और अवसाद
- सोचने, महसूस करने और व्यवहार में बदलाव
- मानसिक क्षमता या क्रियाशीलता का घटना या मनोभ्रंश
इन चीजों को खान कर दे शुरू
एनएचएस के अनुसार, पनीर, अंडे, तैलीय मछली, फोर्टिफाइड लो-फैट स्प्रेड, दूध और दही और लीवर उत्पाद विटामिन ए की कमी दूर करेंगे. वहीं बीटा-कैरोटीन युक्त चीजें खाएं क्योंकि शरीर इसे रेटिनॉल में बदल सकता है. पीली, लाल और हरी (पत्तेदार) सब्जियां, जैसे पालक, गाजर, शकरकंद और लाल मिर्च और पीले फल, जैसे आम, पपीता और खुबानी बीटा-कैरोटीन के अच्छे स्रोत हैं. वहीं विटामिन बी 12 के लिए आप हैम, पोल्ट्री, भेड़, मछली (टूना और हैडॉक), समुद्री भोजन जैसे शेलफिश और केकड़ा, डेयरी उत्पादों जैसे अंडे, दूध, पनीर और दही लेना शुरू कर दें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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