खाने में 3 सब्जियों संग शामिल कर लें सूखा पत्ता, कंट्रोल में रहेगा यूरिक एसिड का लेवल, दर्द से मिलेगा छुटकारा

Written By नितिन शर्मा | Updated: Jul 20, 2023, 11:23 AM IST

आज के समय में ज्यादातर लोगों पर हाई यूरिक एसिड का खतरा बढ़ता जा  रहा है. इसकी वजह खराब लाइफस्टाइल के साथ ही प्यूरीन और प्रोटीन युक्त भोजना का अधिक सेवन है. यह यूरिक एसिड को ट्रिगर करता है. 

डीएनए हिंदी: (Vegetables And Bay Leaf Reduce Uric Acid) यूरिक एसिड का लेवल अपने निशान यानी मात्रा से ऊपर जाते ही जोड़ों में दर्द, सूजन बढ़ाने लगता है. इसका हाई लेवल गाउट, गठिया से लेकर किडनी में प्यूरीन की पथरी बना देता है. इसे धीरे धीरे किडनी डैमेज होने लगती है. इन सबके पीछे की वजह हमारा प्यूरीन और प्रोटीन से भरपूर खानपान है. साथ ही खराब लाइफस्टाइल और वर्कआउट न करना इसे और भी बढ़ा देता है. शरीर में प्रोटीन के नहीं पचने पर यह प्यूरीन में बदल जाता है. प्यूरीन एकत्र होते ही टूट जाते हैं, जिसके बाद यूरिक एसिड ट्रिगर होता है. यूरिक एसिड खून के साथ मिलकर हड्डियों के जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जम जाता है. यह जोड़ों में गैप पैदाकर दर्द, सूजन, गाउट और गठिया बना देता है. इसकी वजह से बुजुर्ग ही नहीं युवा व्यक्ति का भी उठना बैठना मुश्किल हो जाता है. इसकी वजह से और भी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए यूरिक एसिड को कंट्रोल करना बेहद जरूरी होता है. 

यूरिक एसिड को दवाईयों के साथ ही खानपान पर नियंत्रण और इसके विरोधी फूड्स को डाइट में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है. यह यूरिक एसिड को कंट्रोल करने का नेचुरल उपाय है. इसके लिए डाइट में तीन सब्जियों के साथ एक सूखा पत्ता शामिल कर सकते हैं. इनका नियमित सेवन यूरिक एसिड को कंट्रोल कर जोड़ों के दर्द और सूजन से छुटकारा दिला देगा. 

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डाइट में शामिल करें कद्दू और बीज

कद्दू और उसके बीज दर्जनों पोषक त्तवों से भरपूर सब्जियों में से एक हैं. इनमें विटामिन ए से लेकर विटामिन सी, ई, जिंक, बीटा कैरोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, पौटेशियम भरपूर मात्रा में पाएं जाते हैं. इनका नियमित सेवन खून में शामिल यूरिक एसिड के लेवल को कम करने के साथ ही पेशाब के रास्ते फ्लश आउट करता है. कद्दू में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द, सूजन और अकड़न को दूर करता है. इस सब्जी को डाइट में शामिल करने से यूरिक एसिड को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है. 

टमाटर

टमाटर में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा टमाटर में मिलने वाले पोषक तत्व यूरिक एसिड के शत्रुओं को काम करते हैं. इसमें प्यूरीन की मात्रा न के बराबर होती है. टमाटर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में जमा टॉक्सिन को बाहर करते हैं. यह यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. 

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परवल

हरी सब्जियों में शामिल छोटा सा परवल कई सारे गुणों से भरपूर है. परवल मेटाबॉलिज्म को तेज कर प्यूरीन को पचाने में मदद करता है. इसे प्यूरीन पेशाब के रास्ते बाहर हो जाता है. गाउट और गठिया जैसी समस्या से जूझ रहे लोगों को डॉक्टर से लेकर आयुर्वेदिक चिकित्सक डाइट परवल खाने की सलाह देते हैं. परवल खाने से जोड़ों में जमा यूरिक एसिड के क्रिस्टल तेजी से पिघलने लगते हैं. इसे जोड़ों में हो रहे दर्द और सूजन से छुटकारा मिलता है. 

तेज पत्ता

ज्यादातर घरों में तेज पत्ता आसानी से मिल जाता है. इसका इस्तेमाल बहुत से घरों में सब्जी बनाने में किया जाता है. यह खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ ही खून में शामिल यूरिक एसिड को छानकर बाहर कर देता है. यह यूरिक एसिड फ्लश आउट कर देता है. यह प्यूरीन को आसानी से डाइजेस्ट कर लेता है. इसके लिए तेज पत्ता को पानी में अच्छे से उबाल लें. इसके बाद छानकर पानी को पी लें. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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