आयुर्वेद में शामिल ये 4 हरी पत्तियां खाते ही डाउन हो जाता है ब्लड शुगर, एंटी डायबिटीक गुणों से हैं भरपूर

नितिन शर्मा | Updated:Sep 01, 2023, 07:03 AM IST

भारत में प्राचीन काल से दवाई के रूप में जड़ी बूटियों और फूल पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता रहा है. यह बीमारियों को दूर करने के साथ ही सेहत को सही बनाएं रखने महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इसी तरह डायबिटीज जैसी घातक बीमारी को भी यह 4 पत्तियां कंट्रोल में रखती है. 

डीएनए हिंदी: (Ayurvedic Leaves Control Diabetes) हर बीमारी का आयुर्वेद में बिना दवाई सिर्फ जड़ी बूटियों और पत्तों से इलाज किया गया है. इनके सेवन से खुद को हेल्दी और फिट रखा जा सकता है. यह पत्ते छोटी मोटी नहीं, डायबिटीज जैसी लाइलाज बीमारियों में भी संजीवनी का काम करते हैं. इनके नियमित सेवन पर डायबिटीज आसानी से कंट्रोल हो जाता है. आयुर्वेद में शामिल पत्ते इंसुलिन के प्रोडक्शन को बढ़ाते हैं. यह मेटाबोलिज्म को बूस्ट कर खाने को तेजी पचाने के साथ ही ब्लड शुगर को स्पाइक होने से रोकते हैं. डायबिटीज मरीजों को नियमित रूप से इनका सेवन बेहद फायदेमंद हो सकता है. 

आयुर्वेदिक दवाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इन पत्तों में और भी कई खूबियां हैं. यह ऐसे पोषक तत्वों से भरपूर हैं, जो डायबिटीज को आसानी से कंट्रोल कर देते हैं. डायबिटीज मरीजों का इनका सेवन जरूर करना चाहिए. इसे हाई ब्लड शुगर की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है. अचानक से बढ़ने वाला शुगर स्थिर हो जाता है. 

डायबिटीज मरीज इन 4 पत्तियों का करें सेवन

इन हरी-भरी पत्तियाें में है एंटी-डायबिटीक एजेंट, कच्चा चबाकर खाने से गिरने लगेगा ब्लड शुगर

जामुन की पत्तियां

डायबिटीज मरीजों के जामुन के साथ ही इसकी पत्तियां किसी औषधि से कम नहीं है. नियमित रूप से इसकी पत्तियों का सेवन करने से इंसुलिन प्रोडक्शन बूस्ट होता है. यह पत्तियां मेटाबॉलिज्म को तेज करती है. इसे पाचन क्रिया भी सही होती है. यह ब्लड शुगर को स्पाइक होने से भी रोकता है. साथ ही दिल की बीमारियों का खतरा भी कम करता है. नेशनल इंस्टीट्यूट हेल्थ की मानें तो जामुन के फल, गुठली के अलावा इसके पत्ते भी एंटी डायबिटीक गुणों से भरपूर होते हैं, जो ब्लड शुगर के खिलाफ काम करते हैं. यह इसे कंट्रोल रखने में मदद करते हैं. 

जिनसेंग की पत्तियां

आयुर्वेद में जिनसेंग को बहुत ही अहम स्थान दिया गया है. इस पौधे की तुलना औषधि से की गई है. टाइप टू डायबिटीज रोगियों में यह पौधा ब्लड शुगर को मैनेजर करने में मदद करता है. इसकी पत्तियों में जिनसैनोसाइड्स नामक एक सक्रिय तत्व होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है. यह इंसुलिन ओर ग्लूकागन को स्थिर कर सकता है. इस पौधे की पत्तियों का सेवन आप पानी उबालकर कर सकते हैं. पत्तियों को पानी में अच्छे से उबालकर पानी को छानकर पी लें. इसे हाई ब्लड शुगर भी कुछ ही देर में डाउन हो जाता है.

इंसुलिन की पत्तियां

अगर आप डायबिटीज मरीज हैं तो घर में इंसुलिन का पौधा जरूर रखना चाहिए. इंसुलिन का पौधा एंटी डायबिटीक गुणों से भरपूर होता है. डायबिटीज मरीजों के लिए इंसुलिन की पत्तियां दवा का काम करती हैं. इन पत्तियों का रस बॉडी में जाते ही बढ़े हुए शुगर को पचा देता है. इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स और एल्केलाइड्स शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. इंसुलिन की पत्तियों का सेवन भी बेहद आसान है. इसे चबाने के साथ ही चाय बनाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. यह ब्लड शुगर धीरे धीरे पचाने के साथ ही स्पाइक होने से रोकता है. इंसुलिन के पत्तों के रस को पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं. 

सहजन की पत्तियां 

लंबी छड़ी सी दिखने वाली सहजन की सब्जी डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है. यह सब्जी इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथ ही डायबिटीज के लक्षणों को कम करती है. सहजन यानी मोरिंगा के पत्तों का सेवन करने से ब्लड शुगर स्पाइक नहीं हो पाता. ये हरी पत्तियां इंसुलिन प्रोडक्शन को बूस्ट करती हैं. शुगर की मात्रा को खून में सीमित रखती हैं. 

इस पंचमेल औषधि से ब्लड शुगर होगा कम, रातोंरात बिगड़ी डायबिटीज पटरी पर आएगी  

Diabetes Diabetes high blood sugar Ayurvedic Leaves Control Blood Sugar Ayurvedic herbs control blood sugar