आजकल की खराब लाइफस्टाइल और गड़बड़ खानपान के कारण कब्ज एक काफी ज्यादा आम समस्या बन गई है. अधिकतर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन, आपको बता दें कि कब्ज की परेशानी अगर लंबे समय तक बनी रहे तो यह शरीर की कई अन्य समस्याओं को जन्म दे (Yoga For Constipation) सकता है, जिनमें पेल्विक डिजीज और पेट से संबंधी विकार शामिल हैं. आप कब्ज की परेशानी से राहत पाने के लिए कुछ योग की मदद ले सकते हैं. क्योंकि योगासन की मदद से काफी हद तक कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ योगास (Yoga Benefits) न के बारे में बता रहे हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में...
मयूरासन (Mayurasana)
मयूरासन के रोजाना अभ्यास से पाचन में सुधार किया जा सकता है. यह शरीर में अस्वास्थ्यकर भोजन के प्रभाव को नष्ट करने में मददगार हो सकता है और इससे पेट के अंदर दबाव बना रहता है. इतना ही नहीं यह लिवर के कार्यों को भी बेहतर कर सकता है.
यह भी पढे़ं- छोटी-छोटी बीमारियों में लेते हैं Antibiotics? इन बातों का रखें ध्यान, वरना हो सकते हैं ये नुकसान
अर्ध-मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana)
इसके अलावा कब्ज की परेशानी को कम करने के लिए आप अर्ध-मत्स्येन्द्रासन का अभ्यास भी कर सकते हैं. दरअसल इस योग से अग्न्याशय, लिवर, प्लीहा, किडनी, पेट और छोटी और बड़ी आंत को उत्तेजित करने में मदद मिलती है और इससे मल त्याग को आसान किया जा सकता है.
हलासन (हल मुद्रा) (Halasana)
हलासन लिवर और आंत को आराम पहुंचाता है और अगर आप रोजाना हलासन का अभ्यास करते हैं तो इससे पेल्विक क्षेत्र में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है. साथ ही इससे पाचन शक्ति को बढ़ावा मिलता है.
पवनमुक्तासन (Pavanamuktasana)
इसके अलावा कब्ज के दौरान होने वाली गैस की परेशानी को कम करने के लिए आप पवनमुक्तासन का अभ्यास कर सकते हैं. दरअसल यह एसिड रिफ्लक्ट से राहत दिलाता है और अपच जैसे विकारों को ठीक करने में मदद करता है.
यह भी पढे़ं- Acne या Pimples नहीं, चेहरे पर निकलने वाले लाल दाने हो सकते हैं इस गंभीर बीमारी के संकेत
बद्ध कोणासन (तितली मुद्रा) (Baddha Konasana)
वहीं पेट में होने वाली गैस, सूजन, ऐंठन जैसी परेशानी कम करने के लिए आप बद्ध कोणासन की समस्या को दूर किया जा सकता है. इतना ही नहीं इससे पेट में होने वाले तनाव को कम किया जा सकता है.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.