5 Common Cancer: कोलोन, लंग्स, ब्रेस्ट कैंसर के कारण, लक्षण और इलाज क्या, तुरंत हो जाएं सावधान

सुमन अग्रवाल | Updated:Nov 03, 2022, 07:53 AM IST

Cancer में 5 ऐसे कैंसर हैं जो बहुत कॉमन हैं, जानते हैं उनके कारण, लक्षण और बचाव कैसे कर सकते हैं, किन बातों का रखें ध्यान

डीएनए हिंदी: 5 Common Cancer, Causes, Symptoms- कैंसर एक जानलेवा बीमारी जरूर है लेकिन समय रहते ही लक्षण समझ आते ही इसका इलाज जरूर करें क्योंकि आज हर 10 भारतीय में से एक को कैंसर का खतरा है. बिगड़ती लाइफस्टाइल और बाहर के खान पान की वजह से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है. एल्कोहल, तंबाकू, सिगरेट, जंक फूड, देर तक सोना, ड्रग्स ये सारी चीजें आपकी इसकी चपेट में ला सकती हैं. चलिए आपको बताते हैं कि ऐसे 5 कैंसर के बारे में जो बहुत ही कॉमन हैं और उनके लक्षण क्या हैं. 

ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer)

ब्रेस्ट में छोटी सी गांठ कब जानलेवा बन जाती है पता ही नहीं चलता. कई बार दर्द होता है, कई बार नहीं भी होता है. लेकिन ब्रेस्ट के आकार में बदलाव दिखते ही आप तुरंत इसकी चेकिंग करें. 

ध्यान रखें ये बातें 

ब्रेस्ट कैंसर के 75 फीसदी मामले महिलाओं में हार्मोन पर निर्भर करते हैं, ऐसी महिलाएं जो बच्चे को ब्रेस्टफीड नहीं कराती हैं, मोटापे से परेशान हैं और एक्सरसाइज नहीं करतीं या फिर वे शारीरिक संबंध में नहीं हैं, उनमें इसका खतरा अधिक रहता है

इस कैंसर का खतरा घटाने के लिए स्मोकिंग,एल्कोहल,हार्मोन थैरेपी और डीडीटी जैसे रसायन से भी खुद को बचाने की जरूरत है. 20 साल की उम्र से अपने ब्रेस्ट की जांच करें, इसमें गांठ,आकार में बदलाव और लिक्विड निकलने जैसा लक्षण दिखे तो अलर्ट हो जाएं. 40 साल की उम्र के बाद साल में एक बार मेमोग्राफी जरूर कराएं, रोजाना 30 मिनट की एक्सरसाइज करें और खानपान में फल-सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं

ओरल कैंसर (Oral Cancer)

ओरल कैंसर गांव के लोगों में बहुत ज्यादा देखने को मिलता है. हालांकि अब ऐसा कुछ नहीं है, क्योंकि शहरी लोगों की लाइफस्टाइल भी बहुत खराब हो गई है, मुंह की हाइजीन, तंबाकू, सिगरेट का सेवन अधिक करने से ऐसा होता है. इस कैंसर में जबड़ों का रंग बदल जाता है. 

ध्यान रखें ये बातें

तम्बाकू से जुड़े हर उत्पाद जैसे बीड़ी,खैनी और स्मोकिंग से दूर रहें. एक से अधिक पार्टनर के साथ संबंध बनाने के दौरान ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कॉन्डम का इस्तेमाल करें. जबड़ों में अगर दर्द होता है या फिर रंग बदलता है तो डॉक्टर को दिखाएं. कोई गांठ दिखे तो सावधान हो जाएं. 

लक्षण नजर आने पर डेंटिस्ट,ईएनटी और ओरल सर्जन से जांच कराएं. सीटी स्कैन के अलावा गर्दन और सिर की एमआरआई करके भी इसका पता लगाया जा सकता है

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सर्वाइकल कैंसर

महिलाओं को इस कैंसर का खतरा अधिक होता है. अधिक ब्लीडिंग होने पर इसे नजरअंदाज न करें. 

ध्यान रखें ये बातें 

सर्वाइकल कैंसर की वजह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस है. एक से अधिक पार्टनर के साथ संबंध बनाने पर इस वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. वेजाइना से किसी तरह की ब्लीडिंग होने,अधिक लिक्विड डिस्चार्ज होने,गंध आने और सेक्स के दौरान दर्द होने पर अलर्ट हो जाएं. 

ऐसे खुद को बचाएं

लक्षण दिखने पर पैप स्मियर, सर्वाइकल बायोप्सी, पेट का अल्ट्रासाउंड कराकर इसकी जांच करा सकती है

लंग्स कैंसर

फेफड़ों का कैंसर, मतलब आपकी सांस में दिक्कत, आवाज का बदलना भी कैंसर का इशारा है.

ध्यान रखें ये बातें 

लम्बे समय तक खांसी, बलगम आना या इसमें से खून आने पर अलर्ट हो जाएं. सांस लेने में तकलीफ,सीने में दर्द और आवाज का बदलना भी कैंसर का इशारा है. इस कैंसर से बचने के लिए तम्बाकू से दूरी बनाएं, लक्षण दिखने पर चेस्ट एक्सरे, एचआरसीटी स्कैन,लंग बायोप्सी या ब्रॉन्कोस्कोपी जांच कराएं

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कोलोरेक्टल कैंसर

पेट से जुड़ा कैंसर, जिसे कोलोन कैंसर भी कहते हैं. इसमें मल का रंग बदलता है. ऐसे लोग जिनकी उम्र अधिक है,परिवार में किसी सदस्य को कोलोरेक्टल कैंसर हुआ है तो उनमें इस कैंसर का खतरा रहता है. खाने में फायबर कम लेना,लम्बे समय तक एक ही जगह बैठकर काम करना, डायबिटीज, स्मोकिंग और अल्कोहल कोलोन कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं.

लम्बे समय तक कब्ज, डायरिया रहता है या मल का रंग बदलता है तो डॉक्टर से बात करें, ऐसे लक्षण दिखने पर कोलोनोस्कोपी, बायोप्सी, सीटी स्कैन या एमआरआई करवाएं

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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