Habit Makes Body Hollow: रोज की ये 5 आदतें शरीर को बना देती हैं अंदर से खोखला, धीरे-धीरे शरीर में फैलने लगता है टॉक्सिन्स

Written By ऋतु सिंह | Updated: Nov 06, 2024, 09:15 AM IST

शरीर को खोखला बनाने वाली आदत

हममें से कई लोगों की ऐसी आदतें होती हैं जो अनजाने में हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थ पैदा कर देती हैं और हमें पता भी नहीं चलता कि यह कब कंकाल में बदल जाएगा. जानें क्या हैं वो आदतें

क्या कभी ऐसा हुआ है कि एक स्वस्थ दिखने वाला व्यक्ति अचानक किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो जाए और आपको इस पर विश्वास करना मुश्किल हो जाए? ऐसा होना बहुत आम बात है, क्योंकि कई बार इंसान कई ऐसे काम कर रहा होता है, जिसका असर उसके शरीर पर सिर्फ अंदरूनी तौर पर पड़ता है और उसे इसका पता भी नहीं चलता. 

हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ आदतें ऐसी होती हैं जो पहली नजर में भले ही हानिकारक न लगें, लेकिन लंबे समय में ये हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं. यहां आप ऐसी 5 आदतों के बारे में जान सकते हैं, जिन्हें धीमा जहर भी कहा जाता है. ये बात कई अध्ययनों से भी साबित हो चुकी है और इसके अलावा आयुर्वेदिक डॉक्टर माधव भागवत ने भी हमें इस बारे में अहम जानकारी दी है.  
 
शारीरिक गतिविधियां भी बंद हो गई हैं

बहुत से लोग अब बुनियादी शारीरिक गतिविधि भी नहीं करते हैं. घर के कामकाज से लेकर बाहर खरीदारी तक सब कुछ ऑनलाइन हो गया है और कई चीजें आपकी सीट छोड़े बिना भी हो रही हैं. ऐसे में लोग एक दिन में 1000 कदम भी नहीं चल पाते हैं. लेकिन यह लंबे समय तक आराम करना बहुत खतरनाक होता है, इससे शरीर बीमारियों की चपेट में आ जाता है.

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह स्वस्थ है या नहीं
  
महंगाई और समय की कमी के कारण ज्यादातर लोग सिर्फ पेट भरने के लिए खाना खाते हैं. दूसरी ओर, फास्ट फूड, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड की बढ़ती संस्कृति के कारण मानव आहार से स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे गायब होते जा रहे हैं. ऐसे में अस्वच्छ भोजन के कारण मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं.

लगातार लैपटॉप मोबाइल पर लगे रहना

हम इन दिनों तकनीक से इस कदर घिरे हुए हैं कि मोबाइल, टैबलेट और कंप्यूटर पर बहुत अधिक समय बिताने से आंखों में थकान, नींद की कमी और मानसिक तनाव होता है. इसके अलावा, बहुत देर तक बैठने से शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है, जिससे मोटापा और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. 

इसका परिणाम तनाव बढ़ने से होता है

रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर तनाव को नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन लगातार तनाव से हार्मोनल असंतुलन, हृदय रोग और अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं. ऐसा देखा जा रहा है कि इसे अधिक से अधिक नजरअंदाज किया जा रहा है और यह शरीर के साथ-साथ दिमाग पर भी दबाव डाल रहा है. 
 
अधूरी नींद में खलल

देर रात तक जागना नया चलन बन गया है. लेकिन रात में पर्याप्त नींद न लेने से थकान, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और अवसाद जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा नींद की कमी से डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ जाता है. मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल इसका मुख्य कारण है और तनाव व अन्य कारक भी नींद की कमी का कारण बन रहे हैं. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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