सीने में जकड़न और कफ का बनना भी है खतरनाक, फेफड़ों के कैंसर के ये 5 लक्षण जान लें

आदित्य कटारिया | Updated:Jul 07, 2024, 05:25 PM IST

Lung Cancer

Lung Cancer: गलत खान-पान की वजह से आजकल लोगों को सीने में जलन जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन कई बार यह सीने में जलन फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है.

फेफड़ों का कैंसर(Lung Cancer) एक प्रकार का कैंसर है जो फेफड़ों में उत्पन्न होता है. इसमें फेफड़ों के अंदर कोशिकाओं की असामान्य ग्रोथ होने लगती है. हालांकि आजकल, खराब खान-पान और व्यस्त लाइफस्टाइल के कारण सीने में जलन एक आम समस्या बन गई है. यह अपच, एसिड रिफ्लक्स या हर्निया जैसी कई स्थितियों के कारण भी हो सकता है. लेकिन कुछ मामलों में सीने में जलन फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती संकेत भी देती है. आइए जानते हैं कि फेफड़ों के कैंसर के लक्षण क्या हैं और इसे कैसे रोका और इलाज किया जा सकता है.


फेफड़ों के कैंसर के लक्षण

खांसी
: ये फेफड़ों के कैंसर का सबसे आम लक्षण है. खांसी सूखी या बलगम वाली हो सकती है और कभी-कभी इसमें खून भी आ सकता है.
सांस लेने में तकलीफ: जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकता है.
सीने में दर्द: ये दर्द तेज या हल्का हो सकता है और खांसने या गहरी सांस लेने पर बढ़ सकता है.

थकान, भूख न लगना, वजन कम होना, निगलने में परेशानी, पीठ या कंधे में दर्द भी फेफड़ों के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं


फेफड़ों के कैंसर से कैसे करें बचाव

धूम्रपान से बचें: धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है. अगर आप धूम्रपान छोड़ देते हैं, तो आप इसके खतरे को काफी हद तक कम करने में मदद करेंगे.
दूसरे लोगों के धुएं से बचें: दूसरों के धूम्रपान से निकलने वाला धुआं भी आपके फेफड़ों के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है. इससे बचे.
स्वस्थ आहार लें: अपनी डाइट में फल, सब्जियां और साबुत अनाज को शामिल करें जो फेफड़ों के कैंसर से बचा सकते हैं.
व्यायाम करें: रोजाना व्यायाम करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. यह फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम करने में भी मदद करता है.


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फेफड़ों के कैंसर का इलाज 

फेफड़ों के कैंसर के लिए कई उपचार विकल्प हैं, जैसे:

सर्जरी: अगर कैंसर छोटा और सीमित है, तो इसे सर्जरी द्वारा हटाया जा सकता है.
कीमोथेरेपी: यह दवाओं का एक समूह है जो कैंसर कोशिकाओं को मारता है.
रेडिएशन थेरेपी: इसमें उच्च ऊर्जा किरणों का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए किया जाता है.
इम्यूनोथेरेपी: यह मरीज के इम्यून सिस्टम को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है.

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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