Ayurvedic Remedy for Stomach Pain: ये 5 नेचुरल रेमेडी पाचन शक्ति भी बढ़ाएंगी और एसिडिटी-अल्सर के घाव को भी भरेंगे

ऋतु सिंह | Updated:Jun 28, 2023, 11:30 AM IST

Ayurvedic Remedies For Stomach

एसिडिटी और अल्सर से पेट की उपरी लेयर को ज्यादा नुकसान होता है. पेट में घाव बनने लगते हैं. ऐसे में कुछ आयुर्वेदिक औषधियां पेट की क्षतिग्रस्त लेयर को दोबारा भरने का काम करती हैं.

डीएनए हिंदीः पेट की परत पेट को जहरीले एसिड से सबसे ज्यादा नुकसान होता है. हाइपर एसिडिटी ही अल्सर का कारण बन जाती है. तेज मिर्च-मसाले, ऑयली खानपान पेट की ऊपरी लेयर को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं.  

कई बार तनाव और दवाओं के साथ ही इंफेक्शन के कारण भी पेट को बहुत नुकसान पहुंचता है. इससे पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं और  पेट में जलन और घाव का कारण बन जाती हैं.ल लेकिन कुछ चीजें अल्सल और एसिडिटी को घाव को भरने के साथ ही ये पाचन को भी दुरुस्त करेंगें.

पेट की जलन और घाव को भरने के अचूक उपाय

एलोवेरा जूस
अपने सुखदायक गुणों के लिए जाना जाने वाला एलोवेरा पेट की जलन सहित विभिन्न पाचन समस्याओं का इलाज करता है. एलोवेरा पौधे से निकाले गए जेल में ऐसे यौगिक होते हैं जो सूजन को कम करने और क्षतिग्रस्त ऊतकों को रिपेयर करते हैं. एलोवेरा जूस या जेल का सेवन पेट की दिक्कत को दूर करता है.

बबूने के फूल की चाय
कैमोमाइल टी जलन शांत और सूजन-रोधी गुणों से भरा होता है. कैमोमाइल टी पीने से पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है और पेट की परत में सूजन कम होती है. कैमोमाइल के फूलों को 10-15 मिनट तक गर्म पानी में भिगोकर एक कप कैमोमाइल चाय बनाएं और पेट की परेशानी से राहत के लिए गर्म पानी का आनंद लें.

अदरक
यह बहुमुखी जड़ी-बूटी अपने पाचन संबंधी लाभों के लिए जानी जाती है. यह सूजन को कम करने, मितली दूर करने के साथ ही पेट की परत के उपचार को बढ़ावा देने में मदद करती है. पेट की जलन को कम करने के लिए अदरक की चाय पिएं या ताजा अदरक का एक छोटा टुकड़ा चबाएं. अदरक की खुराक भी फायदेमंद हो सकती है.

रपटीला एल्म
स्लिपरी एल्म एक औषधीय जड़ी बूटी है जो पानी के साथ मिश्रित होने पर एक जेल बन जाती है. यह जेल पेट की परत को कवर करने का काम करती है और पेट की अतिरिक्त अम्लता से बचाती है और सूजन को कम करती है. इसे पानी या हर्बल जूस या चाय के साथ स्लिपरी एल्म पाउडर मिलाएं जो पेट की परत की परेशानी से राहत दिलाने में मदद कर सकता है.

प्रोबायोटिक्स
पेट के ऊपरी अस्तर को रिपेयर करने के साथ ही ये पाचन शक्ति को बढ़ाने का अचूक नुस्खा है. आंत के गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने में के लिए प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही खाएं. प्रोबायोटिक्स, जैसे लैक्टोबैसिलस और बिफीडोबैक्टीरियम, आपके आंत में बैक्टीरिया के प्राकृतिक संतुलन को बहाल करने में मदद कर सकते हैं. दही या योगर्ट जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन आपके पेट की परत की उपचार कर घाव को भरेंगे.

तो अगर आप हाइपर एसिडिटी या अल्सर के मरीज हैं तो इनमे से कोई भी नेचुरल चीजों को खाना शुरू कर दें.
 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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