डीएनए हिंदी: कैंसर की कोशिकाएं बहुत तेजी से बढ़ती हैं और यही कारण है कि पहले से दूसरे और तीसरे स्टेज तक पहुंचने में कैंसर को समय नहीं लगता. यहां आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताएंगे जो महिलाओं में नजर आते हैं. महिलाओं में कैंसर के मामले पुरूषों से ज्यादा हैं और खास बात ये है कि महिलाएं अपनी बीमारी को तब तक बर्दाश्त करती हैं जब तक वह असहनीय न हो जाए. यही वजह है कि उनका कैंसर गंभीर होने पर ही पकड़ में आता है, लेकिन यहां 6 लक्षणों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जो अगर नजर आए तो उसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें.
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सात तरह के कैंसर सबसे ज्या्दा हैं, इसमें फेफड़े, स्तन, अन्नप्रणाली, मुँह, पेट, लीवर और गर्भाशय ग्रीवा में होने वाले कैंसर शामिल है. इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि महिलाओं में पुरूषों की अपेक्षा कैंसर के ज्यादा होता है. महिलाओं में विशेषकर स्तन, गर्भाशय ग्रीवा, डिम्बग्रंथि, योनि, योनि, फेफड़े, कोलोरेक्टल और स्किन कैंसर ज्या,दा पाया जाता है.
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इन लक्षणों पर रखें नजर तो समय रहते बीमारी पकड़ आएगी
ब्रेस्ट में गांठ का होना
ब्रेस्टे कैंसर के सबसे आम लक्षणों में से एक है गांठ का बनना, इसके अलावा अगर निप्पल में बदलाव नजर आना , जैसे’ निप्पतल का साइज मोटा होना, डिस्चार्ज होना या कोई असामान्य वृद्धि जिसे आप महसूस कर सकती हों. ये गांठ मुलायम हो सकती है.
ब्लीडिंग का बार-बार होना
पीरियड्स के अलावा बार-बार अगर आपको ब्लीडिंग होती है तो संभव है ये हार्मोनल असंतुलन हो, लेकिन ये कैंसर का संकेत भी होता है. अगर मेनोपॉज के दौरान ब्लीड हो रहे हों या कोइटल ब्लीडिंग, पेरिमेनोपॉज़ल ब्लीडिंग या इंटर मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता है वजाइनल ब्लीडिंग डिम्बग्रंथि के कैंसर का लक्षण भी हो सकता है.
वजाइनल डिस्चार्ज
महिलाओं में वजाइनल डिस्चार्ज यानि सफेद पानी का आना सामान्य है, लेकिन ये अधिक होने लगे या इसके रंग में बदलाव अथवा बदबू आए तो ये कैंसर का संकेत देती है. दुर्गंधयुक्त, झागदार, पीले या हरे रंग का डिस्चार्ज किसी संक्रमण या एंडोमेट्रियल कैंसर का लक्षण हो सकता है. सर्वाइकल कैंसर में गुलाबी, भूरे या खूनी डिस्चार्ज भी होते हैं.
थकान और अचानक से वेट कम होना
थकान और अचानक से वेट का कम होते जाने को भी नजरअंदाज न करें. हालांकि कमजोरी या किसी अन्य बीमारी के भी सामान्य लक्षण हो सकते हैं. इसलिए इसे पीछे की वजह जरूर पड़ताल करें.
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सांस की तकलीफ और तेज खांसी
फेफड़ों के कैंसर का पहला लक्षण लंबे समय तक रहने वाली खांसी, बिना किसी कारण के सांस लेने में तकलीफ, खून के साथ कफ या बलगम और सीने में दर्द है. इन शुरुआती संकेतों को अक्सर नियमित खांसी या मौसम में बदलाव के रूप में गलत समझा जा सकता है, बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से जांच कराएं.
घाव-चकत्ते
निजी अंगों में कोई असामान्य वृद्धि, घाव या चकत्ते वुल्वर कैंसर का संकेत हो सकता है. इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. यह स्किन कैंसर का संकेत भी हो सकता है. कोई तिल भी अगर रंग, आकार बदलता है या आपके शरीर पर मस्से जहां तहां निकलने लगते हैं, तो इसे सामान्य न समझें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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