Liver Problem: ये 6 लक्षण बताते हैं लिवर पर फैट की परत चढ़ने से आ गई है सूजन, जरा सी लापरवही डैमेज कर देगी जिगर

Written By ऋतु सिंह | Updated: Jul 31, 2023, 09:56 AM IST

6 symptoms of fatty liver.

लिवर में सूजन आने पर शरीर में 6 तरह के लक्षण नजर आते हैं. अगर आपको चार में से 2 लक्षण भी दिखे तो डॉक्टर से तुरंत मिल लें.

डीएनए हिंदीः फैटी लिवर रोग लिवर में अतिरिक्त वसा जमा होने के कारण होने वाली एक सामान्य स्थिति है. अधिकांश लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं.  कुछ मामलों में इससे लिवर को नुकसान हो सकता है. अच्छी खबर यह है कि आप अक्सर जीवनशैली में बदलाव करके फैटी लिवर रोग को रोक सकते हैं या लिवर पर चढ़ी चर्बी को गला सकते हैं. 

फैटी लिवर रोग क्या है?
फैटी लिवर रोग (स्टीटोसिस) एक सामान्य स्थिति है जो आपके लिवर में बहुत अधिक वसा जमा होने के कारण होती है. स्वस्थ लिवर में थोड़ी मात्रा में वसा होती है. वसा आपके लिवर के वजन का 5% से 10% तक पहुंच जाती है तो इसे फैटी लिवर कहा जाता है और तब समस्या शुरू होती है.

फैटी लिवर क्यों होता है?
ज्यादातर मामलों में फैटी लिवर अगर शुरुआत में कंट्रोल कर लिया जाए तो गंभीर समस्या पैदा नहीं करता है लेकिन अगर अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो ये लिवर को डैमजे भी कर सकता है. फैटी लिवर रोग समय के साथ तीन चरणों से होकर आगे बढ़ता जाता है:

लिवर में सूजन आने से उसके टिशूज को नुकसान पहुंचता है और पहला चरण होता है स्टीटोहेपेटाइटिस.
जब लिवर क्षतिग्रस्त होता है तो फाइब्रोसिस होता है और ये दूसरा स्टेज होता है.
वहीं जब लिवर के अच्छे टिशूज की जगह खराब टिशूज जम जाते हैं तब लिवर सिरोसिस होता है.

लिवर सिरोसिस

लिवर का सिरोसिस लिवर की गंभीर क्षति का परिणाम है. स्वस्थ लिवर ऊतक की जगह लेने वाला कठोर निशान ऊतक लिवर की कार्यप्रणाली को धीमा कर देता है. अंततः, यह लिवर के कार्य को पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकता है. सिरोसिस से लिवर फेलियर और लिवर कैंसर हो सकता है.

लिवर में सूजन आने पर दिखते हैं ये 6 लक्षण

  1. पेट में दर्द या पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से (पेट) भरा भरा महसूस होना.
  2. मतली, भूख न लगना या वजन कम होना या अपच की समस्या.
  3. त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला पड़ना (पीलिया).
  4. पेट और पैरों में सूजन.
  5. अत्यधिक थकान या मानसिक भ्रम.
  6. वीकनेस.

फैटी लिवर से बचने के लिए क्या करें?
फैटी लिवर रोग के लिए विशेष रूप से कोई दवा नहीं है. जीवनशैली और खानपान में बदलाव करके इसे ठीक किया जाता है. 

  • शराब पूरी तरह से बंद कर दें.
  • ऑयली चीजें बिलकुल न खाएं.
  • वेट को कम करें
  • डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स (रक्त में वसा) को कंट्रोल करें.
  • विटामिन ई युक्त चीजें लें.
     

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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