Heart attack first aid: हार्ट अटैक आने पर 15 मिनट के अंदर करें ये 5 काम, बच सकती है मरीज की जान

Written By ऋतु सिंह | Updated: Jun 24, 2022, 08:59 AM IST

6 tips in 15 minutes safe life of heart attack patient
 

Heart attack : हार्ट अटैक अगर घर में किसी को आ जाए तो तुंरत उसकी जान बचाने के लिए 5 काम जरूर करना चाहिए.

डीएनए हिंदी : हार्ट अटैक आने के बाद 15 मिनट मरीज की जान बचाने के लिए बहुत ही महत्व पूर्ण होते हैं. यहां आपको इस बात की जानकारी देंगे कि अगर किसी को अचानक दिल का दौरा पड़ जाए तो उसकी जान बचाने के लिए क्याक कुछ  किया जा सकता है.

बता दें कि अगर 5 ट्रीटमेंट मरीज को मिल तुरंत मिल जाए तो उसे एक के बाद एक अटैक आने के चांसेज भी कम हो जाएंगें. ये ट्रीटमेंट कोई भी आसानी से दे सकता है, लेकिन उसके लिए सही जानकारी का होना जरूरी  है.  

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दिल का दौरा आम तौर पर 15 मिनट से अधिक समय तक सीने में दर्द पैदा करता है. कुछ लोगों को सीने में हल्का दर्द होता है, जबकि कुछ लोगों को अधिक-गंभीर दर्द होता है. मरीज को अस्पहताल ले जाने तक जरूरी इलाज देना बेहद जरूरी होता है. तो चलिए जानें कि हार्ट अटैक आने से पहले क्यार संकेत शरीर में मिलते हैं और हार्ट अटैक आने पर मरीज को पांच कौन से ट्रीटमेंट देने चाहिए.

सबसे पहले हार्ट अटैक के लक्षणों को (Heart Attack symptoms)
जान लें कि ये जरूरी नहीं है कि सभी में हार्ट अटैक के लक्षण एक से ही हों. ये भिन्न हो सकते हैं. यह भी याद रहे कि सभी दिल के दौरे अचानक सीने में दर्द से शुरू नहीं होते हैं. लक्षण हल्के दर्द और बेचैनी के साथ धीरे-धीरे शुरू हो सकते हैं. ये दर्द कभी भी हो सकता है। लेकिन कुछ लक्षण पर आप जरूर नजर रखें.

  • हार्ट अटैक के सबसे आम लक्षणों में सीने में बेचैनी जो दबाव है, जो निचोड़ने वाला दर्द जैसा महसूस होता है.
  • दर्द कुछ मिनटों से अधिक समय तक रहता है या चला जाता है और वापस आ जाता है.
  • दर्द और बेचैनी जो आपकी छाती से परे आपके ऊपरी शरीर के अन्य हिस्सों में जाती है, जैसे एक या दोनों हाथ, या आपकी पीठ, गर्दन, पेट, दांत और जबड़े में.
  • मरीज में ठंडा पसीना, मितली या उलटी, चक्कर, चिंता, अपच, थकान जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं. 
  • पुरुषों की तुलना में महिलाओं में गर्दन, कंधे, पीठ के ऊपरी हिस्से या पेट में दर्द के लक्षण नजर आते हैं.
  • कुछ लोगों को सीने में दर्द या दबाव बिल्कुल भी नहीं होता है, ये साइलेंट अटैक होता है. 
  • कई लोगों में चेतावनी के संकेत घंटों या दिन पहले ही होते हैं.

मरीज को अटैक आने पर तुरंत क्याज करें काम
इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें : मेडिकल इमरजेंसी पर कॉल करना सबसे पहला काम होना चाहिए. मरीज को नजदीकी अस्पताल ले जाएं.

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एस्पिरिन (Aspirin) दें
मरीज को तुरंत एक एस्पिरिन चबाने को कहें या निगल सके तो निगलवा दें. एस्पिरिन रक्त में थक्का जमने से रोकती है और ब्ल.ड को पतला बना कर सर्कुलेशन को सुधार देती है. अगर आपको इससे एलर्जी है या आपके डॉक्टर ने कहा है कि एस्पिरिन कभी न लें, तो एस्पिरिन न लें. डॉक्टिर से बात कर इमरजेंसी वो दवा लें जो जीभ के नीचे रखी जाती है.

नाइट्रोग्लिसरीन ( Nitroglycerin) लें
अगर आपको डॉक्ट र ने पहले से नाइट्रोग्लिसरीन दवा दी है तो आप इसका इस्तेडमाल करें. 
डिफाइब्रिलेटर का इस्तेमाल करें
अगर मरीज बेहोश है और आपके पास ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डीफिब्रिलेटर (AED) तुरंत उपलब्ध है, तो इसका उपयोग करने के लिए डिवाइस के निर्देशों का पालन करें. इसका इस्तेमाल आमतौर पर तब होता है, जब किसी वजह से दिल की धड़कन तेज या कम हो जाती है. यह उपकरण कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक जैसे मामलों में काफी लाभकारी सिद्ध हुआ है.

सीपीआर (CPR) दें
अगर मरीज बेहोश है, तो उसे सीपीआर देना शुरू करें. ब्ल ड प्रेशर और दिल की धड़कन को ये सामान्यो बनाने में बहुत मददगार होती है. मरीज की छाती के केंद्र पर जोर और तेजी से धक्का दें. एक मिनट में लगभग 100 से 120 बार ऐसा करें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।) 

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