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Sleep Apnea - 93% भारतीय नहीं ले पाते हैं सही से नींद जबकि इतने आदमी लेते हैं खूब 'खर्राटे'

Sleep Apnea : मोटापा से लेकर शराब पीने तक कई वजह है खर्राटे के पीछे. क्या आपको मालूम है, औरतों और मर्दों में कौन अधिक खर्राटे लेता है?

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Sleep Apnea - 93% भारतीय नहीं ले पाते हैं सही से नींद जबकि इतने आदमी लेते हैं खूब 'खर्राटे'

snoring sleep apnea

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डीएनए हिंदी : Snoring Issues : हममें से कितने लोग खर्राटे लेते हैं? क्या आपके पास इसका कोई आंकड़ा है? एक सच्चाई यह कि खर्राटे की समस्या तेज़ी से बढ़ रही है. इससे ना सिर्फ़ खर्राटे लेने वाले की नींद ख़राब हो सकती है बल्कि आसपास के लोगों को भी  दिक्कत का सामना करना पड़ता है. कई मामलों में तो खर्राटों की वजह से लोगों की शादियां तक टूट गई हैं. आइए जानते हैं क्या है इस शोर वाले स्लीप डिसऑर्डर की वजह. 


Sleep Apnea - मोटापा खर्राटों की  बड़ी वजह है  
क्या आप जानते है ओबेसिटी यानी मोटापा खर्राटों की बड़ी वजह है. आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में मोटापे की दर पिछले चार दशकों में तिगुनी हो गई है. भारत में 9.8 मिलियन से अधिक पुरुष और 20 मिलियन महिलाएं मोटापे का शिकार हैं. इसकी बड़ी वजह जंक फ़ूड और खराब लाइफ़स्टाइल हैं . NCBI की रिपोर्ट के मुताबिक मोटापे की वजह से नींद-विकार-सांस लेने जैसे समस्या को तेज़ी से बढ़ावा मिलता है. डाटा के हिसाब से आज के समय में  भारत में अरब से अधिक लोग मोटापे का शिकार बन चुके है .   

दुनिया भर में इतने लोग हैं गम्भीर Sleep Apnea के शिकार 
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive Sleep Apnea) यानी खर्राटों की बीमारी पर 16 अलग-अलग देशो में  17 स्टडीज के मुताबिक दुनिया भर में 30-69 वर्ष (पुरुषों और महिलाओं) की आयु के 936 मिलियन वयस्क मोटापे का शिकार  हैं. वही गंभीर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया बढ़ती उम्र के साथ  30-69 वर्ष की आयु के 425 मिलियन लोगो में पाई गई  है. अमेरिकन रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक आंकड़े यह भी बताते हैं कि स्लीप एपनिया से  प्रभावित लोगों की संख्या ग्लोबली चीन में सबसे अधिक है . इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और भारत का स्थान  आता है. गौरतलब है कि इसकी वजह से ही बप्पी लाहिरी की जान गई थी.

USA में 40% तक कपल खर्राटे की वजह से लेते हैं तलाक
क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में ज़्यादातर तलाक खर्राटों की वजह से होते हैं. ऐसा अमेरिकन Snoring Divorce Statistics के आंकड़े बताते हैं .हालांकि ऐसा कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है कि खर्राटे लेने से तलाक हो सकता है लेकिन अमेरिका में  लाखों शादी शुदा जोड़ों के लिए ये एक आम शिकायत है. आंकड़ों के मुताबिक USA में 40 प्रतिशत तक कपल्स के  अलग-अलग सोने  की बड़ी वजह खर्राटे है . जिसकी वजह से रिश्तों में दूरियां आम बात है और यही अमेरिका में होने वाले DIVORCES का बड़ा कारण  है .

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क्या पुरुष महिलाओं से ज्यादा खर्राटे लेते हैं?
पूर्वी ओडिशा की स्वस्थ आबादी में खर्राटों की आदत पर किए गए अध्ययन के मुताबिक खर्राटों की इंटेंसिटी  का अनुमान सामान्य आबादी का 5 से 44 फीसदी तक है. वही ये आकड़े  पर ध्यान  दे तो पता चलता है की भारत में 24 से 50 फीसदी पुरुष और 14 से 30 फीसदी महिलाओं में खर्राटे लेने की आदत आमतौर पर देखी गई है. स्टडी के मुताबिक ओडिशा में  अलग अलग वर्ग  के  550 लोगों ने इस रिसर्च में हिस्सा लिया था . इनमें 59.72 फीसदी पुरुष, 40.20 फीसदी महिलाओं में खर्राटे की समस्या देखी गई थी . वही दोनों वर्ग में  47.46 % ऐसे लोग थे  जो अपने खर्राटे लेने की आदत से अनजान थे. कुल 25.6 फीसदी लोगों ने दिन में नींद आने की पुष्टि भी की थी .
इस स्टडी के दौरान रिसर्च टीम ने पाया कि सामान्यतया लगभग 40 फीसदी पुरुष खर्राटे लेते हैं. जबकि केवल 20 फीसदी महिलाएं खर्राटे लेती हैं. महिलाओं के लिए खर्राटों की उच्चतम  दर 40 से 49 वर्ष की आयु में देखी जाती है. जिसमें 17.8 फीसदी मध्यम और 7.1 फीसदी को खर्राटे लेने की आदत देखी गई थी.   यह अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड रिव्यू में प्रकाशित किया गया था.


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93% भारतीय स्लीप डिसऑर्डर से परेशान हैं
एक उपभोक्ता उत्पाद फर्म द्वारा 2015 में किए गए एक अध्ययन से पता चला था कि लगभग 93% भारतीय स्लीप डिसऑर्डर से परेशान हैं. देश के अन्य हिस्सों की तुलना में पश्चिमी क्षेत्र में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के केसेस सबसे ज़्यादा है .जब ग्रामीण बनाम शहरी विभाजन की बात आती है.तो  खतरा दोनों ही जगह बराबर है . हालांकि  ग्रामीण भारत में AHI मानदंड द्वारा OSA के मामले  3.73% ही  है. वही बात करे देश के आकड़ो की तो भारत में OSA से पीड़ित लगभग 36.34 मिलियन लोग है.


How Do People Snore : लोग कैसे लेते हैं खर्राटे ? 
नींद के दौरान जब हम सांस लेते हैं और छोड़ते हैं तब हमारी गर्दन और सिर के सॉफ्ट टिशू  में कंपन की वजह से हम खर्राटे लेते हैं.ये सॉफ्ट टिशू  हमारी नाक के रास्ते, टॉन्सिल और मुंह के ऊपरी हिस्से में होते हैं.जब आप सोते हैं तो  हवा के शरीर में जाने का रास्ता आराम की स्थिति में होता है. तब हवा को अंदर बाहर जाने के लिए ज़ोर लगाना पड़ता है. जिसकी वजह से सॉफ्ट टिशू में कंपन पैदा हो जाता है और कम्पन से पैदा होने वाली आवाज़ को ही खर्राटे के नाम से जाना जाता है .

 कैसे रोके जा सकते हैं खर्राटे 
खर्राटे रोकने के लिए शरीर में एयरवे को खुला रखा बेहद ज़रूरी है . ऐसी करने के लिए ऐसी कई तकनीक है जिन्हें अपनाने की सलाह दी जाती है.


शराब से दूरी
शराब की वजह से नींद के दौरान मांसपेशियां अधिक रिलैक्स हो जाती हैं ,और इसकी वजह से एयरवे सिकुड़कर जाता है. ऐसे में सलाह दी जाती है कि सोने से पहले शराब पीने से बचा जाए ताकि खर्राटों की आदत से आप दूर रह सके.
नाक में लगने वाली पट्टियां
बाज़ार में ऐसे कई उत्पाद उपलब्ध हैं जो खर्राटे रोकने में मदद करते हैं. नाक में लगने वाली पट्टियों के पीछे विचार यह है कि वो आपके नथुनों को खुला रखती हैं. ये तब काम करती हैं जब आप नाक से खर्राटे लेते हैं लेकिन ये वास्तव में असरदार हैं या नहीं इसके प्रमाण बहुत कम हैं.
अपनी नाक साफ़ रखें 
अगर आपको सर्दी हुई है और आपकी नाक बंद है तो आपके खर्राटे लेने की संभावना बढ़ जाती  है. ऐसे में सोने से पहले अपनी नाक को अच्छे से साफ़ करें. आप नाक को साफ करने के लिए नाक से ली जाने वाली सर्दी खांसी की दवा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इससे नाक की बहुत महीन रक्त कोशिकाओं की सूजन से राहत मिलेगी. ये आमतौर पर एलर्जी की वजह से भी हो जाती है.  
वजन कम करें
अगर आपका वज़न अधिक है तो आपकी ठुड्डी के पास अधिक फैट जमा हो सकते हैं. ये एयरवे को सिकोड़ के हवा के आने-जाने के रास्ते में बाधा डाल सकते हैं. ऐसे में स्वस्थ वजन बनाए रखने से खर्राटों से राहत मिल सकती है.

 

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