AC Side Effects: जोड़ों में दर्द और सांस में दिक्‍कत की वजह एसी भी है, चिल्‍ड रूम में रहने के हैं ये गंभीर नुकसान

ऋतु सिंह | Updated:Sep 03, 2022, 12:43 PM IST

जोड़ों में दर्द और सांस में दिक्‍कत की वजह एसी भी है, चिल्‍ड रूम में रहने के जानें ये गंभीर नुकसान 

AC Serious Disadvantages: गर्मी और उमस भरे मौसम (Hot and Humid Weather) में एसी (AC) में बैठना या सोना भले ही आपको अच्‍छा लगता होगा लेकिन आपके शरीर को इससे बेहद नुकसान होता है. लगातार चिल्‍ड कमरे में रहना (Staying in Chilled Room) कई गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है. जोड़ों के दर्द (Joints Pain) से लेकर सांस फूलना (Breathlessness), हाई बीपी (High BP) या निमोनिया (Pneumonia) तक की वजह एसी बनता है. कैसे चलिए जानें.

डीएनए हिंदी: Constantly Staying in Chilled Room: एसी में रहना शरीर की इम्‍युनिटी भी कमजोर करता है और कई बैक्टिरियल इंफेक्‍शन की वजह भी बनता है. भले ही आपको एसी में रहने से गर्मी से राहत मिलती है लेकिन आप लंबे समय तक बहुत ठंडे कमरे में रहेंगे तो इससे आपके शरीर के जोड़ों में दर्द शुरू हो जाएगा. खास कर अगर आप सुबह उठें और आपके शरीर में अकड़न रहे या दर्द हो तो समझ लें इसकी वजह एसी है. 

आर्टिफिशियल कोल्‍ड वेव (Artificial Cold Wave) शरीर को अंदर से कमजोर बनाती है. घर या ऑफिस में घंटों एसी में रहते हैं तो आपको संभल जाना चाहिए, क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य के लिए कई तरह से नुकसानदायक (Dangerous Effects Of Air Conditioner) साबित हो सकता है.साथ ही कई बीमारियों को भी न्योता दे सकता है. तो चलिए जानें एसी में लंबे समय तक रहना किन बीमारियों का खतरा देता है. 

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जोड़ों में दर्द 
सुबह उठने पर अगर आपके शरीर में अकड़न, थकान या दर्द बना रहे तो इसके पीछे वजह एसी हो सकता है. जोड़ों में दर्द का कारण भी लंबे समय तक ठंडे कमरे में रहना होता है. जोड़ों में अकड़न शरीर में हरारत सी पैदा करती है जो आगे चलकर गठिया की वजह बन सकती है.

मोटापा बढ़ना
जी हां एयर कंडीशनर के ज्यादा इस्तेमाल से वेट भीबढ़ता है. ठंडी जगह पर शरीर की एनर्जी खर्च नहीं होती और इससे शरीर पर फैट बढ़ता जाता है.

बुखार और थकान बने रहना 
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एयर कंडीशनर में ज्यादा समय तक रहने से आपके शरीर में बुखार और थकान बनी रह सकती है.इसके अलावा एसी के कम तापमान में आपको सिरदर्द और चिड़चिड़ापन भी महसूस हो सकती है.
 

ब्लडप्रेशर 
बीपी के मरीजों को एसी से परहेज करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह लो ब्लडप्रेशर के लिए जिम्मेदार हो सकता है.अचानक ज्‍यादा ठंड ब्‍लड प्रेशर को लो या हाई कर सकती है. जिस तरह से बहुत ठंड में अटैक आने का खतरा रहता है उसी तरह चिल्‍ड कमरे में रहने से भी नुकसान होते हैं. 
 

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सांस संबंधी प्रॉब्लम्स 
अस्थमा या सांस फूलने के साथ ही  सर्दी-जुकाम की वजह भी ज्यादातर समय एसी में बिताना होता है.लुइसियाना स्टेट मेडिकल सेंटर की रिसर्च के मुताबिक 25 में से 22  एसी वालीी कारों के अंदर 8 तरह के जीवाणु निकले हैं. इससे निमोनिया जैसी बीमारी होने का खतरा हो जाता है. इससे इंसान की मौत भी हो सकती है. एसी से सिर्फ कार में बैठने से नहीं बल्कि घर या ऑफिस में एसी में बैठने से ठंड की शिकायत हो जाती है. इससे अस्थमा के लक्षण जैसे कफ, खांसी और सांस लेने में दिक्कत होती है.

त्वचा संबंधी समस्याएं 
एसी आपकी त्वचा पर भी बुरा प्रभाव डालता है.यह आपकी त्वचा की प्राकृतिक नमी खत्म कर उसे रूखा बना सकता है.खासकर चेहरे की त्वचा आपको ज्यादा रूखी और खींची खींची लगने लगेगी.

प्रतिरोधक क्षमता पर असर 
गर्मियों में पसीना का आना आम बात है.गर्मी सहन करने के लिए पसीना शरीर में प्रतिरोध क्षमता पैदा करता है.गर्मी से हम या तो पसीना बहाकर बचते हैं या फिर सांस लेकर, लेकिन एयर कंडीशनर इन दोनों की क्षमताओं को कम करता है.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 


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