डीएनए हिंदी: एक्ट्रेस और मॉडल पूनम पांडे की मौत की खबर झूठी थी. शनिवार को पूनम पांडे ने इसकी सच्चाई अपने इंस्टाग्राम पर लाइव आकर बताई. पूनम पांडे ने कहा कि उसने अपनी मौत की खबर सर्वाइकल कैंसर की जागरूकता के लिए फैलाई थी. वह महिलाओं को बताना चाहती थी कि सर्वाइकल कैंसर कितना खतरनाक है. इस बीमारी की गंभीरता का पता लगातार बढ़ते आंकड़ों को देखकर भी लगाया जा सकता है. सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को होने वाले सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है. इसका खतरा धीरे धीरे कम उम्र की महिलाओं में भी बढ़ता जा रहा है. भारत में 150 में से एक महिला इस बीमारी से ग्रसित है. लगातार इसके खतरे को बढ़ते देख सरकार ने अपने अंतरिम बजट में लड़कियों के लिए फ्री टीकाकरण अभियान चलाने का ऐलान किया है. आइए एक्सपर्ट गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर अर्चना धवन बजाज से जानते हैं कि सर्वाइकल कैंसर कितना खतरनाक है. इसके होने की वजह, लक्षण, बचाव और इलाज क्या है...
क्या है सर्वाइकल कैंसर
डॉक्टर अर्चना धवन बजाज बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) यूट्रस के सबसे नीचे हिस्से में एक टयूूमर होता है, जो गर्भाशय के निचले भाग से शुरू होता है. यह वेजाइना तक जुड़ता है. इसे गर्भाशय ग्रीवा भी कहा जाता है. सर्वाइकल कैंसर की मुख्य वजह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस संक्रमण (HPV) का होना है. यह संक्रमण का एक समूह है. इसके 100 से भी ज्यादा प्रकार होते हैं. इनमें से करीब 30 एक तरह के लैंगिक क्षेत्र को प्रभावित कर सकते हैं. इसकी वजह से सर्वाइकल कैंसर बनता है.
इस वजह से बढ़ रहा सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) का खतरा
सर्वाइकल कैंसर बढ़ने के पीछे की सबसे बड़ी वजह असुरक्षित यौन संबंध, वेजाइनल की साफ सफाई का ध्यान न रखना और एचपीवी से संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध बनाने पर यह कैंसर तेजी से फैलता है, जो महिलाएं एक से ज्यादा पार्टनर के साथ संबंध बनाती हैं या बना चुकी हैं. उनमें सर्वाइकल कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
गर्भ निरोधक गोलियों का ज्यादा सेवन
जो महिलाएं अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए बहुत ज्यादा गर्भ निरोधक गोलियां खाती हैं. उनमें सर्वाइकल कैंसर का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है.
यौन संचारित बीमारियां
सिफलिस, गोनोरिया या क्लैमाइडिया से संक्रमित या इस संक्रमण का शिकार हो चुकी महिलाओं में भी सर्वाइकल का कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
यह है सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Cervical Cancer Symptoms)
सर्वाइकल कैंसर धीरे धीरे बढ़ने पर इसके कुछ लक्षण सामने आने लगते हैं. इन लक्षणों के दिखते ही महिलाओं को डॉक्टर से जरूर परामर्श लेना चाहिए. थोड़ी भी लापरवाही जानलेवा बन जाती है.
-पैरों में सूजन आना
-संबंध बनाने के दौरान बहुत ज्यादा दर्द महसूस होना
-अनियमित पीरियड्स का आना
-यूरीन पास करने के दौरान दर्द और जलन होना
-अचानक से वजन कम होना
-वेजाइनल डिस्चार्ज
इस उम्र में होता है सर्वाइकल कैंसर का खतरा
डॉक्टर अर्चना धवन बजाज बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर का खतरा 30 से 45 साल उम्र तक की महिलाओं में ज्यादा होता है. हालांकि अब यह बेहद कम उम्र की महिलाओं में भी मिलने लगा है.इसके पीछे की वजह कम उम्र में ही बहुत ज्यादा सेक्सुअल एक्टिव होना, अलग अलग लोगों के साथ संबंध बनाना और हाईजीन का ध्यान न रखना भी है. इसकी वजह से सर्वाइकल कैंसर का खतरा 16 साल की उम्र से बढ़ने लगा है.
यह है सर्वाइकल कैंसर से बचाव
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण आ चुका है. इसे सरकार द्वारा स्वीकृति भी मिल गई है. जिसके तहत 9 से 13 साल की लड़कियों को लड़कियों को दो और 14 से 45 साल तक की महिलाओं को 3 डोज दी जाएगी. इसमें सरकार 9 से 13 साल की लड़कियों का मुफ्त टीकाकरण करेगी. डॉक्टर बताते हैं कि लड़कियों को कम उम्र में सेक्सुअल एक्टिव होने की वजह से इस उम्र में टीकाकरण करना जरूरी है. इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है. इसके अलावा पैप्सवेयर स्क्रिनिंग टेस्ट भी सर्वाइकल कैंसर को रोकने में अहम साबित होगी.
सर्वाइकल कैंसर का इलाज
सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर अरुण कुमार गिरी बताते हैं, 'सर्वाइकल कैंसर की कंडीशन पर उसका इलाज निर्भर करता है. सर्वाइकल कैंसर का खतरा 30 से 45 साल की उम्र में सबसे अधिक होता है. हालांकि आज के समय में कम उम्र की महिलाएं भी सर्वाइकल कैंसर का शिकार हो रही हैं. इसके पीछे बहुत ज्यादा सेक्सुअल एक्टिव होना, एक से ज्यादा लोगों से संंबंध, साफ सफाई का ध्यान न रखना भी है. सर्वाइकल कैंसर के इलाज में उसकी स्टेज अहम होती है. इसके बहुत ज्यादा न फैलने तक पता लगने पर सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कीमोरेडिशन किया जा सकता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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