New Virus Attack: एडेनोवायरस के कहर से बच्चों को बचाएं, इस राज्य में हाई अलर्ट, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

ऋतु सिंह | Updated:Feb 21, 2023, 09:04 AM IST

Adenovirus Attack in Children

एडेनोवायरस का कहर बंगाल के बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. इस वायरस के लक्षण, बचाव और खतरे क्या हैं जान लें.

डीएनए हिंदीः यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार एडेनोवायरस हल्की सर्दी या फ्लू जैसी बीमारी के संकेत के साथ शुरू होता है. पश्चिम बंगाल में बच्चों में एडेनोवायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने के बाद राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है, साथ ही बंगाल के स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है क्योंकि राज्य में एडेनोवायरस के मामलों में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है, जिसके कारण सरकारी और निजी अस्पतालों में बाल चिकित्सा वार्ड तेजी से भर रहे हैं.

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जनवरी से कोलकाता में राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (ICMR-NICED) को भेजे गए कम से कम 32 प्रतिशत नमूनों में वायरस पॉजिटीव है. दो बच्चों की इस वायरस से मौत भी हो चुकी है. हालांकि मौतों का कारण अभी तक औपचारिक रूप से एडेनोवायरस के रूप में पहचाना नहीं गया है. इस वायरस का अटैक किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, इसलिए इससे बचने के लिए सावधानी से लेकर बचाव और इसके लक्षण तक के बारे में जरूर जान लें. जो हल्के सर्दी, या फ्लू जैसी बीमारी का कारण बनता है. सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करते हैं.

एडेनोवायरस  के लक्षण:

संक्रमित लोगों में सर्दी या फ्लू, बुखार और गले में खराश, तीव्र ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), निमोनिया (Pneumonia), नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Conjunctivitis) और तीव्र आंत्रशोथ (Acute Gastroenteritis) जैसे लक्षण नजर आते हैं. एडेनोवायरस हल्के और गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग, मौजूदा श्वसन या हृदय रोग एडेनोवायरस से गंभीर बीमारी विकसित होने का अधिक जोखिम होता है.

रोग फैलने का कारण

संयुक्त राज्य अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र का कहना है कि वायरस आमतौर पर एक संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क से फैलता है. यह हवा (खांसी और छींक के माध्यम से) या रोगी के मल के माध्यम से भी फैल सकता है, उदाहरण के लिए, डायपर बदलते समय.

वायरस का इलाज

वर्तमान में उपचार या स्वीकृत एंटीवायरल दवा का कोई विशिष्ट कोर्स नहीं है. चूंकि ज्यादातर मामले हल्के होते हैं, लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए उन्हें दर्द निवारक या दवा द्वारा प्रबंधित किया जाता है.

वायरस से बचाव

डॉक्टरों का सुझाव है कि संक्रमण से निपटने का सबसे अच्छा तरीका रोकथाम है. संक्रमित होने से बचने के कदमों में दूषित हाथों से अपनी आंखों, नाक या मुंह को छूने से बचना और नियमित रूप से अपने हाथों को धोने के लिए साबुन या सैनिटाइजर का उपयोग करना शामिल है.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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