अब आसमान से उतरेगी एंबुलेंस ‘संजीवनी’, 5 सालों में देश में होंगे 200 एयरपोर्ट

Written By ऋतु सिंह | Updated: Oct 11, 2022, 02:30 PM IST

अब आसमान से उतरेगी एंबुलेंस ‘संजीवनी’, 5 सालों में देश में होंगे 200 एयरपोर्ट 

ऐसा कई बार होता है कि जाम में एंबुलेंस फंसी रह जाती है और मरीज की जान चली जाती है लेकिन अब आसमान से एंबुलेंस उतरेगी. पढ़ें Pooja Makkar की रिपोर्ट.

डीएनए हिंदीः बेहतर चिकित्सा और मरीजों तुरंत सेवा देने के लिए अब एयर एंबुलेंस की सुविधा मिलेगी. इसके लिए देश में 200 एंबुलेंस पांच सालों में बनेंगे. खास बात ये है कि ये सुविधा वीआईपी को ही नहीं, आम आदमियों को भी मुहैया होगी. आसमान से उड़ते हुए एंबुलेंस मरीज के पास पहुंचेंगे. एंबुलेंस संजीवनी कैसे बुक होगी इस सेवा को किसने शुरू किया है और इसे क्या-क्या लाभ होंगे चलिए विस्तार से जानें.  
 
एम्स ऋषिकेश से संजीवनी देश के कोने कोने में ले जाने की व्यवस्था हो रही है. मुश्किल और दूर दराज़ के इलाकोंं में मौजूद बीमार लोगों तक पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सर्विस शुरू होंगी. और इसका नाम संजीवनी दिया गया है. जिसकी शुरुआत सरकार ने कर दिया है. 
इस सर्विस के तहत कोशिश की जा रही है कि ये सेवा हर मौसम में और हर वक्त उपलब्ध रहे और इसके लिए देश में तीन डेडिकेटिड हेलीकॉप्टर कॉरीडोर बनाए गए हैं. 

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हेली सेवा पोर्टल की शुरुआत
हेलीकॉप्टर आपरेटरर्स को इस सेवा को शुरु करने में दिक्कत ना हो इसके लिए हेली सेवा पोर्टल की शुरुआत की गई है. मेडिकल सेवा के लिए लैंडिंग और पार्किंग चार्ज भी हटा दिया गया है.
 
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हाल ही में संजीवनी सेवा को लॉच किया है जिससे विशेषकर पहाड़ी और दूर दराज के मुश्किल इलाकों से जरुरतमंद मरीजों को वक्त पर मदद मिल सके. फिलहाल भारत में 141 एयरपोर्ट हैं. जिनकी संख्या अगले 5 सालों में बढ़ाकर 200 की जाएगी.

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हेलीकॉप्टर एंबुलेंस एम्स ऋषिकेश में बनाया जाएगा
 
हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सेवा का केंद्र एम्स ऋषिकेश में बनाया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत 6 महीने के लिए सेवा शुरु की जाएगी. कोशिश की जा रही है कि पहली कॉल के 20 मिनट के अंदर हेलीकॉप्टर मरीज तक पहुंच जाए. हेलीकाप्टर में एक मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रेचर और एक डॉक्टर की व्यवस्था होगी. एक पायलट के पास आवश्यक चिकित्सा उपकरण मौजूद होंगे. हेलीकाप्टर बिना ईंधन भरे 300 किमी की दूरी तक उड़ान भरने में सक्षम होगा. जो सर्विस आपरेटर इन शर्तों को पूरा कर सकेगा उसी के साथ सरकार कॉंट्रेक्ट करेगी.
 
इस पूरी सर्विस का केंद्र एम्स ऋषिकेश का हेलीपैड होगा. क्योंकि संचालन के क्षेत्र में पहाड़ी इलाके शामिल हैं. इसलिए एयर आपरेटर को संचालन के लिए प्रशिक्षित पायलट देना ज़रुरी होगा. हवाई संचालन नियमों द्वारा नियंत्रित होंगी. एयर एंबुंलेंस सर्विस थोड़ी खर्चीली ज़रुर होती है लेकिन ये मरीज को बचाने और मुश्किल इलाकों से अस्पताल तक लाने में कारगर होगी. 
 
इन सुविधाओं से लैस होगी संजीविनी
नॉर्मल एंबुलेंस की तरह इसमें भी ऑक्सीजन, खून पतला करने की दवा, सांस लेने में दिक्कत होने पर ब्रीदिंग सिस्टम होता है, बीपी और पल्स मॉनिटर, हार्ट रेट म़ॉनिटर आदि तुरंत जान बचाने वाले सभी उपकरण होंगे. 

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इस तरह से होगी बुकिंग
अभी तक कई प्राइवेट विमान कंपनियां एयर एंबुलेंस की सुविधा देती हैं और आप फ्लाइट में बुक करने जैसी इसकी बुकिंग कर सकते हैं. मरीज की हालत को ध्यान में रखते हुए एयर एंबुलेस बुक की जा सकती है. अगर सरकारी व्यवस्था से एयर एंबुलेंस बुक करनी है तो इसके लिए आपको सरकारी हॉस्पिटल और डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से बात करनी होती है. इनसे बात करने के बाद इस वक्त के हालात के आधार पर एंबुलेंस की सुविधा मिल सकती है. अगर कहीं पहाड़ी इलाकों या सुदूर इलाकों में कोई डिजास्टर हो जाए तो भी सरकार की ओर से एयर एंबुलेंस बुक की जाती है. 
 
जानें कितना आएगा खर्च
एयर एम्बुलेंस बुक करने का खर्च आमतौर 5.6 लाख या इससे ज्यादा भी हो सकता है. अगर सरकारी व्यवस्था है तो वो मुफ्त मिल सकती है. 
 
 (Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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