Pollution Effects: प्रदूषण से होने लगती है स्पर्म की मौत, इस वजह से मिसकैरेज का बढ़ता है खतरा

Written By सुमन अग्रवाल | Updated: Nov 09, 2022, 12:55 PM IST

वायु प्रदूषण से पुरुषों और महिलाओं दोनों की प्रजनन लाइफ प्रभावित होती है, पुरुषों के स्पर्म काउंट में गिरावट आती है, महिलाओं को गर्भधारण में परेशानी

डीएनए हिंदी: Pollution impact on Sperm Count and Fertility- प्रदूषण से हर किसी के शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है, सांस संबंधित बीमारी, सर्दी-खांसी, गल में खराश, अस्थमा, लंग्स की शिकायत, दिल की समस्या कई तरह की बीमारियां (Air Pollution Disease) धीरे धीरे हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाती हैं. पुरुष और महिला दोनों के प्रजनन पर भी इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है. जी हां लगातार खराब होती हवा की वजह से पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी और काउंट दोनों ही घटती है. यही नहीं महिलाओं के गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है. सुनते हैं इस बारे में डॉक्टर की क्या राय है 

प्रदूषण में मौजूद सल्फर डायऑक्साइड के प्रति 10 µg बढ़ने से स्पर्म कंसंट्रेशन 8 प्रतिशत तक घट जाती है. वहीं, स्पर्म काउंट (Sperm Count) 12 प्रतिशत और गतिशीलता 14 प्रतिशत तक घट जाती है. जिसके कारण स्पर्म कम दिनों में ही मरने लगते हैं. प्रदूषण महिलाओं को गर्भधारण करने में बाधा देता है. स्पर्म काउंट, गतिशीलता और एकाग्रता में कमी के साथ स्पर्म फैलोपियन ट्यूब के अंदर तक नहीं पहुंच पाते हैं.  जिस वजह से कई कोशिशों के बाद भी महिलाएं प्रेगनेंट नहीं हो पाती हैं. सेक्स ड्राइव में कमी होना पुरुषों में इनफर्टिलिटी का एक बहुत बड़ा कारण है.  

यह भी पढ़ें- सेक्स संबंधित ये बीमारियां कैसे होती हैं, कारण, लक्षण और बचाव कैसे करें 

यह भी पढ़ें- सेक्स से जुड़ी ये बीमारी क्या है, पुरुष और महिला दोनों को होती है, लक्षण

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बिमला गोयनका बताती हैं कि जैसे स्मोकिंग की धूआं सांस के जरिए अंदर जाने से स्पर्म और प्रजनन को नुकसान होता है, ठीक वैसे ही प्रदूषण के धूएं से भी स्पर्म पर असर होता है. यही नहीं स्पर्म बहुत ही फ्रेजाइल होते हैं, ऐसे में प्रजनन क्षमता कम हो जाती है. प्रदूषण का डायरेक्ट असर होता है. उन्होंने कहा कि महिलाओं के गर्भपात (Miscarriage) का भी खतरा बढ़ जाता है. प्रदूषण शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है क्योंकि हवा के जरिए सारे विषैले तत्व अंदर जाते हैं और फिर गर्भ को भी नुकसान पहुंचाते हैं. इसकी वजह से पुरुषों की भी प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है. इस विषय पर काफी शोध हुए हैं. शोध बताते हैं कि तनाव की सीधा असर प्रजनन अंगों पर होता है, ऐसे में पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.