Air Pollution Effect On Kids: बदलते मौसम के साथ खतरनाक लेवल पर पहुंच रहा प्रदूषण, बच्चों में इन बीमारियों खतरा, ऐसे करें बचाव

Written By नितिन शर्मा | Updated: Oct 27, 2023, 05:24 PM IST

जहरीली हवा कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं पैदा कर देती है. यह हवा खासकर बच्चों के लिए खतरनाक साबित होती है. प्रदूषण वाली इस हवा में धूल से लेकर धुआं तक शामिल होता है, जो बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करती है.

डीएनए हिंदी: बदलते मौसम के साथ ही दिवाली त्योहार के आसपास पराली जलने की वजह से भी दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण लेवल काफी बढ़ जाता है. यह जहरीली हवा कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं पैदा कर देती है. यह हवा खासकर बच्चों के लिए खतरनाक साबित होती है. प्रदूषण वाली इस हवा में धूल से लेकर धुआं तक शामिल होता है, जो बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करती है. बच्चों में खांसी जुकाम से लेकर निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस, ब्रोन्किओल्स की सूजन जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है. वहीं लंबे समय तक वायु प्रदूषण की वजह से हार्ट और फेफड़े भी प्रभावित होते हैं, जो आपको बहुत बीमार कर सकते हैं. आइए जानते हैं बच्चों को प्रदूषण की वजह से बीमारियों का खतरा और बचाव के उपाय...

इन बीमारियों का खतरा

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सांस की बीमारी

प्रदूषण की वजह से बच्चों से लेकर बड़ों को सांस की बीमारी हो सकती है. इसकी वजह पीएम 2.5, पीएम 10 और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड यानि एनओ2 में बढ़ोत्तरी हेल्थ पर बेहद बुरा असर डाल रही है. इससे बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं. सांस संबंधित दूसरी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. इनमें मुख्य रूप से ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के फंक्शन में भी परेशानी शामिल है. 

संक्रमण का खतरा

तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से बच्चों की इम्यूनिटी डाउन होने लगती है. ऐसे में बच्चों को निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस जैसे सांस से जुड़े इंफेक्शन का खतरा बना रहता है. 

विकास में देरी

गर्भावस्था के दौरान जो बच्चे प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहते हैं. उनके प्रदूषण के संपर्क में आने पर विकास की गति प्रभावित होने लगती है. उनके विकास में देरी हो सकती है. ऐसे बच्चों के विकास पर भी पूरा असर पड़ता है. 

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फेफड़ों का सही विकास न होना

प्रदूषण हमारे फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. ऐसे में बच्चों के प्रदूषण वाले वातावरण में रहने की वजह से फेफड़े कमजोर होने लगते हैं. इसकी वजह से बच्चा स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है. 

बच्चों का प्रदूषण से ऐसे करें बचाव

-अगर बाहर हवा की गुणवत्ता खराब है तो बच्चों को निकलने से रोकें. 

-बच्चों को बाहर भेज रहे हैं तो उनके चेहरे पर मास्क और आंखों पर चश्मा लगाकर ही निकालें. बच्चों को प्रदूषण के प्रभाव से बचाने के लिए उन्हें रोज रात को भाप जरूर दें. 

-बच्चों की डाइट में जिंक और विटामिन सी भरपूर फूड्स को शामिल करें. इसके अलावा इम्यूनिटी बूस्ट करने वाली चीजें खिलाएं. इसे लंग्स को सही रखने के लिए नियमित रूप से योग कराएं 

-घर के अंदर कम से कम धुएं वाली चीजों का इस्तेमाल करें. बच्चों के सामने सिगरनेट न पिएं. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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