Eye Twitching : बार-बार आंख का फड़कना शगुन-अपशगुन का संकेत नहीं, नसों के सिकुड़ने जैसी 3 बीमारी का लक्षण

ऋतु सिंह | Updated:Dec 11, 2022, 01:43 PM IST

Eye Twitching : बार-बार आंख का फड़कना शगुन-अपशगुन का संकेत नहीं, नसों के सिकुड़ने जैसी 3 बीमारी का लक्षण

Aankh Phadakna: आंखों के फड़कते ही अगर आप ये मिलान करते हैं कि ये शुभ है या अशुभ तो आपको ये खबर जरूर पढ़नी चाहिए.

डीएनए हिंदीः आंखों को फड़कना (Eye Twitching) बहुत ही आम बात है लेकिन अगर ये बार-बार कई दिनों तक फड़क रही तो सच मान लें ये सही साइन नहीं. ज्योतिष नहीं, स्वास्थ्य के हिसाब से ये सही संकेत नहीं है. असल में आंखों का फड़कना आंखों की नसों के सिकुड़ने (Veins Shrink Sign) से लेकर आपकी बिगड़ी लाइफस्टाइल (Bad Lifestyle) और स्क्रीन पर आंख गड़ाए रहना (Staring at Screen) भी होता है. 

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तो अब आप जब भी आंख फड़के तो ये सोचें कि ये शुभ या अशुभ, बल्कि ये जान लें कि ये आपकी आंखों की खराबी का एक संकेत है और इसे नजरअंदाज न करें.  आंखों का फड़कना पलक की मांसपेशियों में ऐंठन से जुड़ा होता है. अगर नीचे और ऊपर की दोनों पलकें फड़क रहीं और ये बार-बार हो रहा है तो सावधान हो जाएं. 

आंखों के फड़कना 'Myokymia' कहा जाता है- अधिकतर मामलों में आंखे तब फड़कती हैं जब बहुत ज्यादा स्‍ट्रेस हो या आई स्ट्रेन, नींद पूरी न हुई हो. वहीं कई बार अधिक अल्कोहल पीने से भी ऐसा होता है. खानपान में जब कैफीन की मात्रा अधिक होती है तो भी ये समस्या होती है. अगर आंख फड़क रही है तो वह एक-दो दिन में बंद हो जाती हैं लेकिन कई दिनों तक लगतार आंख फड़क रही है तो यह गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है. आंख फड़कने आंख की इन तीन बीमारियों  मायोकेमियाए ब्लेफेरोस्पाज्‍म और हेमीफेशियल स्पाज्‍म का संकेत भी होता है. क्या है बीमारियां, चलिए जानें.

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बिनाइन इसेन्शियल ब्लेफेरोस्पाज्‍म
ये एक गंभीर बीमारी है, जिसमें आंखों की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं. इसमें पलके झपकाते हुए दर्द भी होता है. इसमें कई बार आंखों को खोलना मुश्किल हो जाता है, आंखों में सूजन रहती है और धुंधला दिखने लगता है. समस्या जब बढ़ती है तो पलक के साथ आंखों के आसपास की मांसपेशियां भी फड़कने लगती हैं.

हेमीफेशियल स्पाज्‍म
इस बीमारी में चेहरे का आधा हिस्सा सिकुड़ जाता है और इसका असर आंख पर भी पड़ता है. इस बीमारी की वजह से पहले आंखे फड़कती हैं और फिर गाल और मुंह की मांसपेशियां भी फड़कने लगती हैं. ये नसों के सिकुड़ने के कारण होता है. इसमें फड़कना लगातार बना रहता है और इसके पीछे बैन पल्सी, सर्विकल डिस्टोनिया, डिस्टोनिया, मल्टीपल सेलोरोसिस और पार्किन्सन जैसे विकार शामिल हैं.

आईलिड मायोकेमिया
इममें आंखें कुछ देर फड़क कर रुक जाती है और ये खराब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है. अमूमन ये स्‍ट्रेस, आंखों की थकावट, कैफीन का उच्च सेवन, नींद का पूरा न होना या फिर मोबाइल और कंप्‍यूटर का ज्‍यादा इस्तेमाल से होता है.

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फड़ती आंखों को दें ऐसे आराम

  1. आंख फड़क रही है तो आंखें बंद कर थोड़ी देर रेस्ट करें. संभव हो तो सो जाएंऋ 
  2. मोबाइल और लैपटॉप  या टीवी को देखना बंद कर दें. 
  3. आंखों की एक्सरसाइज करें. पलकों को बार-बार आप झपकाएं, इससे नेचुरली मसल्स रिलेक्स होंगी.  कैफीन वाले ड्रिंक्‍स और जंक फूड को कम करें.
  4. लंबा समय कंप्‍यूटर के सामने बीतता है तो अपने डॉक्टर की सलाह से लुब्रिकेंट आई ड्रॉप का यूज करें. इससे आंखों में नमी बनी रहेगी और ड्राई आई की समस्‍या दूर होगी.
  5. आंखों पर बर्फ की सिकाई करें. 

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 (Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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