Super food Barley : जौ की रोटी से कंट्रोल में रहता है Cholesterol, ब्लड प्रेशर और वजन भी रहेंगे काबू में

Written By ऋतु सिंह | Updated: Aug 22, 2022, 01:07 PM IST

जौ की रोटी के हेल्‍थ बेनिफिट्स 

Health Benefits of High Fiber Roti: किसी भी बीमारी में सबसे बड़ी समस्‍या होती है क्‍या खाएं और क्‍या नहीं. हाई कोलेस्‍ट्रॉल से लेकर हाई बीपी, शुगर या वजन बढ़ने तक के लिए मुख्‍य रूप से हमारे खानपान की गलत आदतें ही जिम्‍मेदार होती हैं. यहां आपको जौ की रोटी या दलिया के बारे में बताएंगे, जो हर तरह की बीमारी में दवा की तरह काम करती है.

डीएनए हिंदी: जौ मोटे अनाज में गिना जाता है लेकिन इसके फायदे बहुत हैं. जौ से बनी दलिया या रोटी अगर आपकी थाली में रोज रहे तो आपके आसपास कई बीमारियां फटकेंगी ही नहीं. कई बार कुछ बीमारियां दवा के बाद भी कंट्रोल नहीं होती हैं. इसके पीछे वजह खाने का सही तरीका न होना होता है.

भारतीय खाने में रोटी-सब्‍जी दाल चावल प्रमुख रूप से शामिल होता है लेकिन कुछ बीमारियों में चावल  ही नहीं रोटी भी नुकसान करती है. अगर आप वजन कम करना चाहते हैं या हाई ब्‍लड प्रेशर, कोलेस्‍ट्रॉल और ब्‍लड शुगर के मरीज हैं तो आपके लिए गेहूं की रोटी नुकसानदायक साबित होगी. जौ की रोटी खाना आपके लिए बेस्‍ट होगा. तो चलिए आज आपको जौ की रोटी या दलिया खाने के फायदों के बारे में बताएं. 

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जौ का पहले Nutritional Value जान लेते हैं
आधा कप पकी हुए बार्ले सीरियल या तीन रोटी से आपको मात्र 96 कैलोरी मिलेगी. इसमें  विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट (Rich in vitamins and antioxidants) भरपूर होते हैं जो सेल्स की स्वस्थ ग्रोथ में मदद करते हैं. इसमें फोलेट, आयरन, सोडियम, कॉपर और मैंगनीज और बी विटामिन्स होते हैं. साथ ही इसमें फाइबर और प्रोटीन की भी अच्छी मात्रा होती है.

परफेक्ट Breakfast
जौ पोषक तत्वों से भरपूर होते है और नाश्ते के लिए एक परफेक्ट मील है. इसमें फाइबर और आवश्यक मिनरल्स होते हैं जैसे सेलेनियम, कॉपर, ट्रिप्टोफैन और मैंगनीज. ये आपको दिनभर के लिए एनर्जी देते हैं और आपको दिन भर तक संतुष्ट महसूस कराते हैं. जौ में मैंगनीज होने से यह खुश और ऊर्जावान महसूस कराता है, और यह आपके नर्वस सिस्टम को भी शांत करता है.

Weight loss में मददगार 
जौ में इतना डायटरी फाइबर होता है कि ये वसा को शरीर में जमने नहीं देता और लंबे समय तक पेट का भरा महसूस कराता है. 

Digestion सुधारने वाला
डाइजेशन की समस्‍या है या कब्‍ज की परेशानी तो आपको जौ अधिक से अधिक खाना चाहिए.  हाई फाइबर कंटेन्ट होने के साथ ही इसमें इनसोल्यूबल फाइबर होता है. ये फाइबर अघुलनशील होते हैं जो पानी में नहीं घुलते इससे ये आपके कब्ज की समस्‍या हो दूर करते हैं. 

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Cholesterol कंट्रोल होगा
जौ बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के साथ गुड कोलेस्‍ट्रॉल को भी बढ़ाता है. जौ में मौजूद बीटा-ग्लूकन्स बाइल एसिड को कम करके  एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. एक शोध में साबुत गेहूं, ब्राउन राइस और जौ से भरपूर डाइट कोलेस्‍ट्रॉल के मरीजों की दी गई और अंत में पाया गया कि जिन लोगों ने पांच हफ्ते तक जौ खाया था उनका कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर  7% तक कम हुआ था. 

Blood Sugar नियंत्रित होगा
जौ ब्लड शुगर के स्तर को कम करता है और डायटरी फाइबर के कारण ग्‍लूकोज तुंरत ब्‍लड में नहीं घुल पाता. ये इंसुलिन को एक्टिवेट करता है. टाइप 2 डायबिटीज के रिस्क को कम करने में इसमें मौजूद मैग्नीशियम कंटेन्ट बहुत काम आते हैं. यह मिनरल इंसुलिन उत्पादन और शरीर द्वारा शुगर के उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

Heart disease का रिस्क कम

साबुत अनाज हार्ट डिजीज का खतरा कम करता है. जौ खराब कोलेस्‍ट्रॉल यानी एलडीएल के स्तर को कम करlता है इससे ब्‍लड सर्कुलेशन बेहतद होता है और हार्ट पर प्रेश नहीं पड़ता है. साथ ही हाई ब्‍लड प्रेशर भी नियंत्रित रहता है. 

Arthritis में लाभकारी
जौ में कॉपर अच्छी मात्रा होता है, जो गठिया के लक्षणों को कम करने में भी सहायक हो सकता है. कॉपर फ्री रेडिकल्स को बेअसर करता है जिससे यह सेल्स को रेनोवेट करने में मदद करता है. क्रॉस-लिंकिंग कोलेजन के उत्पादन में भी कॉपर आवश्यक है.

Immunity बढ़ाता है
जौ के पौधे में लिगनन्स (lignans) होते हैं, जो आपकी आंतों के लिए अच्छे होते हैं. जौ आपके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है. इसके अतिरिक्त, जौ विटामिन सी में हाई होते हैं जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं. जौ आपको पूर्ण, संतुष्ट और तनाव मुक्त रखते हैं.

Barley को कैसे करें डाइट में शामिल 

जौ को आप कई तरीके से अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं. इसे आप नाश्ते में दलिया के रूप में खा सकते हैं. इसे आप सूप या ग्रेवी में मिला सकते हैं. आप बेक्ड डिश में गेहूं के आटे के साथ जौ का आटा भी मिला सकते हैं. आप सब्जियों की ड्रेसिंग के साथ साबुत जौ का सलाद बनाकर भी सेवन क सकते हैं.
 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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