डीएनए हिंदीः Algorithm For Predicting Cardiac Arrest- खराब लाइफस्टाइल और गड़बड़ खान-पान के कारण पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं. गरबा करते समय, जिम में व्यायाम करते समय या फिर डांस करते समय अचानक हार्ट अटैक से जुड़ी कई खबरें सामने आ चुकी है. ऐसे में भारत में यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या (AI Predict Heart Attack) बनता जा रहा है. बता दें कि 25 से 45 कम आयु वर्ग के युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है. बता दें कि दिल का दौरा या हार्ट अटैक आमतौर पर बिना किसी चेतावनी या संकेत के आता है. ऐसे में किसी को हार्ट अटैक कब होगा इस बात का अनुमान लगा पाना बहुत ही (Heart Attack Prediction) कठिन है. हालांकि अब भविष्य (Heart Attack) में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए हार्ट अटैक का पता लगाना संभव हो सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में..
एआई से कर पाएंगे हार्ट अटैक पहचान
हार्ट अटैक की वजह से हर साल ना जाने कितने ही लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं, ऐसे में अब ऐसा एआई एल्गोरिदम तैयार किया गया है, जिससे हार्ट अटैक का पहले ही पता लगाया जा सकता है. दरअसल ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन और नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर रिसर्च द्वारा फंडेड एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में किए गए एक नए शोध के अनुसार, एआई का इस्तेमाल कर एक एल्गोरिदम तैयार किया गया है और ऐसा कहा जा रहा है कि जल्द एआई की मदद से डॉक्टर्स पहले ही तेजी और सटीक तरीके से हार्ट अटैक के बारे में पहचान कर पाएंगे. बता दें कि Code-ACS Algorithm नाम का ये एल्गोरिदम कितना प्रभावी है इस बात को जानने के लिए दुनियाभर के 6 देशों में 10 हजार 286 मरीजों के साथ परीक्षण किया गया है.
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कितना प्रभावी है यह एल्गोरिदम
टेस्टिंग के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि वर्तमान में टेस्टिंग मेथड की तुलना में CoDE ACS 99.6 प्रतिशत सटीकता के साथ हार्ट अटैक की पहचान करने में सक्षम है. सीधा और साफ शब्दों में इसका मतलब है कि हार्ट अटैक का अगर अंदाजा पहले ही लगाया जा सकेगा कि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ सकता है या नहीं तो पहले ही मरीज का जान बचाया जा सकेगा. इससे अस्पताल में हार्ट अटैक से भर्ती होने वाले मरीजों के भी संख्या में गिरावट आ सकती है.
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पैर पसार रहा है AI
बता दें कि एआई का इस्तेमाल केवल कोडिंग और आईटी क्षेत्र में ही नहीं, अब दूसरे सेक्टर्स में भी अपने पैर पसार रहा है. ऐसे सीधे-सीधे एआई हर सेक्टर में कब्जा कर रहा है. इसी तरह मेडिकल के क्षेत्र में भी यह काफी मददगार साबित हो रहा है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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