Ayurvedic Remedy for Arthritis: यूरिक एसिड का जबरदस्त इलाज हैं ये आयुर्वेदिक चूर्ण, जोड़ों का दर्द नहीं करेगा परेशान

ऋतु सिंह | Updated:Jun 17, 2023, 12:20 PM IST

Uric Acid Jadi Booti Benefits

ऑस्टियोआर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस और रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी हड्डियों और जोड़ों को नुकसान पहुंचाने का बड़ा कारण यूरिक एसिड है. इसे कंट्रोल कर इन बीमारियों को काबू करना आसान हो जाएगा.

डीएनए हिंदीः गाउट जिसे आर्थराइटिस भी कहा जाता है एक विकार है जिसमें यूरिक एसिड क्रिस्टल के अत्यधिक जमा होने के कारण जोड़ों में दर्द, सूजन होता है और धीरे-धीरे ये किडनी को भी खराब करने लगता है.

सामान्य परिस्थितियों में शरीर प्यूरीन नामक यौगिकों का उत्पादन करता है जो कुछ खाद्य और पेय पदार्थों में भी मौजूद होते हैं जो यूरिक एसिड में टूट जाते हैं. इसके अतिरिक्त उत्पाद से  अधिकांश यूरिक एसिड रक्त में घुल जाता है और ये हड्डियों, जोड़ों और गुर्दे में जमा होने लगते हैं और गाउट को ट्रिगर करता है. Netmeds रिपोर्ट के अनुसार कुछ आयुर्वेदिक औषधियां ऐसी हैं जो यूरिक एसिड ही नहीं जोड़ों के दर्द को भी दूर करने में रामबाण साबित होती हैं.

यूरिक एसिड को कम करने के लिए ये 5 योगासन हैं रामबाण

यूरिक एसिड और जोड़ों के दर्द को कम करेंगी ये जड़ी-बूटियां

सल्लकी- ये हड्डी, संयुक्त और मस्कुलोस्केलेटल विकारों के लिए रामबाण हर्बल एंटीडोट है. बीटा बोसवेलिक एसिड और ट्राइटरपीनोइड्स से बने चमत्कारी आवश्यक तेलों और राल के अर्क से भरी सल्लकी जोड़ों में सूजन को कम करने और गठिया के दर्द को कम करती है. 

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हडजोड़- इसका तना और पत्तियाें में कैल्शियम, मैग्नीशियम और मजबूत एंटीऑक्सिडेंट जैसे रेस्वेराट्रोल और फ्लेवोनोइड्स होते हैं. ये लाभकारी यौगिक संरचनात्मक सेल्स को मजबूत करने का काम करते हैं, गाउट के कारण कमजोर सेल्स और बोन डेंसिटी लॉस को सही कर जोड़ों के दर्द को कम करता है.

गिलोय-  इसे गुडुची भी कहा जाता है. ये हड्डी और जोड़ों के विकारों के लिए एक आश्चर्यजनक हर्बल उपचार है. अल्कलॉइड्स और ऑर्गेनिक स्टेरॉयड जैसे शक्तिशाली बायोएक्टिव यौगिकों से भरी होती है और जोड़ों में दर्द को कम करती है. इसके अलावा, गिलोय एक शानदार डिटॉक्सिफाइंग जड़ी बूटी है जो अपशिष्ट पदार्थों के रक्त और किडनी को साफ करती है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम होता है और गाउट का समाधान होता है.

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निर्गुंडी- कई बीमारियों के लिए रामबाण के रूप में जाने जाने वाले, निर्गुंडी एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है जो गाउट के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करता है. निर्गुंडी के पत्तों के अर्क में निशिंडिन अल्कलॉइड होते हैं जो वात दोष को संतुलित करते हैं और जोड़ों के दर्द को शांत करते हैं, कफ, वात, पित्त दोष को दूर करते है.

हरीतकी-रीतकी एक बेशकीमती आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो गठिया के लिए अद्भुत उपचार  है. चेबुलिन, टैनिन और कार्बनिक फैटी एसिड सहित शक्तिशाली बायोएक्टिव घटकों में भरपूर हरीतकी में एंटीऑक्सिडेंट बहुत होते हैं जो जोड़ों की कठोरता और जकड़न को कम करते हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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