डीएनए हिंदी: आज की दौड़ती-भागती और तनावपूर्ण जिंदगी में, डायबिटीज दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली बीमारी बन चुकी है. बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण लोगों के शरीर में मेटाबॉलिक डिसऑर्डर की समस्या पैदा होती है जिससे पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है जो आपके ब्लड शुगर को कंट्रोल सके. वहीं दवाइयां कुछ हद तक तो आपकी मदद करती हैं ब्लड शुगर और डायबिटीज को कंट्रोल करने में लेकिन दवाइयों के शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव भी पड़ते हैं जिन्हें हम अनदेखा नहीं कर सकते. ऐसी स्थिति में आयुर्वेदिक दृष्टिकोण ब्लड शुगर लेवल को को संतुलित करने के लिए एक प्राकृतिक और पूर्ण तरीका प्रदान करता है.
आयुर्वेद, चिकित्सा की एक प्राचीन भारतीय प्रणाली है जो मधुमेह प्रबंधन सहित आहार और जीवन शैली में सुधार के महत्व पर जोर देती है. आइए जानते हैं कि डायबिटीज और ब्लड शुगर को कंट्रोल और बैलेंस करने में आयुर्वेदिक डाइट कैसे मदद कर सकती है साथ ही डायबिटीज मरीजों को अपनी डाइट में किस तरह के आहार को शामिल करना चाहिए.
संपूर्ण खाद्य पदार्थ (Whole Foods)
मधुमेह के लिए Ayurvedic Diet ताजे, संपूर्ण खाद्य पदार्थ के सेवन को प्रोत्साहित करती है जो पोषक तत्वों और फाइबर से भरपूर होते हैं. अपने आहार में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, साबुत अनाज (जौं, गेंहू, बाजरा), फलियां और ड्राई फ्रूट्स आदि शामिल करें. इन खाने की चीजों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, यानी कि ये रक्तप्रवाह में चीनी को धीरे-धीरे छोड़ते हैं और ब्लड शुगर लेवल में अचानक होने वाली वृद्धि को रोकते हैं.
गर्म और पके हुए खाद्य पदार्थ (Warm and Cooked Foods)
आयुर्वेद कच्चे या ठंडे खाने की चीजों की जगह गर्म और पके हुए खाद्य पदार्थों को लेने की सलाह देता है, क्योंकि वे आसानी से पच जाते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद करते हैं. अपने भोजन में सूप, स्टॉज, उबली हुई सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें.
मीठे और कड़वे स्वाद का संतुलन (Balance Sweet and Bitter Tastes)
आयुर्वेद में स्वाद को छह अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जिनमें मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा, तीखा और कसैला शामिल है. मधुमेह प्रबंधन के लिए, मीठे और कड़वे स्वाद पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है. मीठे खाद्य पदार्थों को फलों जैसे प्राकृतिक स्रोतों से आना चाहिए, लेकिन इनका सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए. करेला, मेथी और पत्तेदार साग जैसे कड़वे खाद्य पदार्थों में ऐसे गुण होते हैं जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.
मसाले और जड़ी-बूटियां (Spices and Herbs)
आयुर्वेद विभिन्न मसालों और जड़ी-बूटियों की शक्ति (Spices and Herbs for Diabetes) के औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. कई मसालों और जड़ी-बूटियों में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने वाले गुण पाए गए हैं. दालचीनी, हल्दी, मेथी, और अदरक आदि इन लाभकारी मसालों के कुछ उदाहरण हैं जिन्हें आप भोजन में शामिल कर सकता है या हर्बल चाय के रूप में इनका सेवन कर सकते हैं.
सचेत भोजन (Mindful Eating)
आयुर्वेद पाचन और ब्लड शुगर के संतुलन को सपोर्ट करने के लिए सचेत भोजन ( Mindful Eating) के महत्व पर जोर देता है. जितना संभव हो सके ज्यादा खाना खाने से बचें. आप शांत और आराम के माहौल में धीरे-धीरे खाने की कोशिश करें. अपने भोजन को अच्छी तरह चबाएं और हर एक बाइट का स्वाद लें. इस तरह से खाना खाने से आपका पाचन तंत्र और पाचन अच्छा होता है. इसके अलावा आपके शरीर को पोषक तत्वों को प्रभावी ढंग से अवशोषित करने में मदद मिलती है.
हाइड्रेशन (Hydration)
संपूर्ण स्वास्थ्य और मधुमेह प्रबंधन के लिए अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहना आवश्यक है. आयुर्वेद पाचन और मेटाबॉलिज्म में सुधार के लिए पूरे दिन गर्म पानी पीने की सलाह देता है. शरीर को हाइड्रेटिड रखने के लिए हर्बल चाय का भी सेवन किया जा सकता है.
हालांकि एक आयुर्वेदिक डाइट मधुमेह प्रबंधन के लिए फायदेमंद हो सकती है लेकिन अपने डाइट में कोई भी महत्वपूर्ण बदलाव करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक या अपने डॉटक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है. वे आपकी स्वास्थ्य स्थिति और स्वास्थ्य आवश्यकताओं के आधार पर व्यक्तिगत रूप से आपका मार्गदर्शन करने में मदद कर सकते हैं.
ये भी पढ़े: Traveling with Diabetes: डायबिटीज मरीजों के लिए अब घूमना फिरना आसान बस यात्रा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.