kidney Cleaning Remedy: आंत की चर्बी से लेकर खून की गंदगी तक साफ करेगी ये आयुर्वेदिक औषधि, छन जाएगी ब्लैडर-किडनी की गंदगी

Written By ऋतु सिंह | Updated: Aug 23, 2023, 01:10 PM IST

Health Benefits Of Imli

आज आपको एक ऐसी खट्टी-मीठी चीज के बारे में बातएंगे जिसे आप सांभर, छोले या चटनी में यूज करते होंगे, लेकिन इसके आयुर्वेदिक शक्ति के बारे में नहीं जानते होंगे.

डीएनए हिंदीः आपके शरीर के सारे अंग की गंदगी को साफ करने में एक आयुर्वेदिक हर्ब्स का कोई भी तोड़ नहीं हैं. खास बात ये है कि ये हर्ब न केवल आपके खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि कई बीमारियों की दवा भी है. आंत की गंदगी से लेकर ब्लड में जमी वसा और लिवर-किडनी में फंसे कचरे तक को ये शरीर से बाहर लाती है. 

गोस्वाल फाउंडेशन और मैत्रेय आयुर्वेद आश्रम के अध्यक्ष तन्मय गोसवाल बताते हैं कि आयुर्वेद में कई बीमारियों की दवा इमली को बताया गया है. इमली के तीन रूप अलग-अलग बीमारियों से आपकी रक्षा करते हैं. इमली (कच्ची, पकी और सूखी) का प्रयोग आयुर्वेद में बीमारी के आधार पर होता है. तो चलिए आज आपको बताएं कि कच्ची, पकी और सूखी इमली किन बीमारियों के लिए बेस्ट है. 

 

इमली को इन फायदों को जान लें

सूखी इमलीः ये हार्ट की ब्लॉकेज खोलने वाली और नसों में जमी वसा को पिघालाने वाली होती है.बिना काम किए अगर आपको थकान लगती है या बेहद कमजोरी है तो जूस में सूखी इमली मिलाकर पीएं. तुरंत लाभ मिलेगा. ये पेट के कीड़ों को भी मारती है. सूखी इमली के अर्क में मौजूद प्राकृतिक यौगिकों में रोगजनक सूक्ष्मजीवों के खिलाफ प्राकृतिक रोगाणुरोधी के रूप में उपयोग किए जाने की क्षमता होती है . विशेष रूप से, ल्यूपेओल नामक यौगिक को उसके जीवाणुरोधी गुणों के लिए पहचाना गया है.

कच्ची इमलीः ये ब्लड के अंदर जितने भी टॉक्सिन यानी गंदगी है उसे साफ करती है. इसे खाने में लेने से आपका ब्लड साफ होगा और कील-मुंहासे, फोड़े-फुंसी से मुक्ति मिलेगी. पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होने के कारण इमली एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करती है और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा कम हो जाता है. सूखे गूदे में एंटी-हाइपरटेंसिव प्रभाव भी पाया गया , जिससे डायस्टोलिक रक्तचाप कम हो गया.

पकी इमली- ये ब्लैडर-किडनी में जमे हुए कचरे को साफ करने का काम करती है. ये किडनी की सारी ब्लॉकेज को खोल देती है. ये स्टोन आदि बाहर निकालने वाली होती है.साथ ही किडनी की फिल्टरेशन पावर भी बढ़ाती है जिससे गंदगी शरीर से बाहर निकालना आसान हो जाता है. फैटी लीवर रोग, या हेपेटोस्टीटोसिस, पश्चिमी दुनिया में बढ़ रहा है, और इमली के फल के अर्क को लीवर के लिए एक सुरक्षात्मक प्रभाव प्रदान करने के लिए दिखाया गया है , क्योंकि इसमें प्रोसायनिडिन नामक एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो लीवर को मुक्त कणों से होने वाली क्षति का प्रतिकार करते हैं.

इमली का उपयोग कैसे करें
सूखी या पकी इमली 10 मिनट के लिए गर्म पानी में भिगो दें. फिर इसे एक साथ मिलाएं, छलनी से छान लें, गूदे को फेंक दें और तरल का उपयोग करें. इमली के सांद्रण के लिए, 15 मिलीलीटर इमली को 4-6 बड़े चम्मच गर्म पानी के साथ मिलाएं. वहीं कच्ची इमली की चटनी या जूस बना कर पी सकते है.

तो अपनी जरूरत के अनुसार डाइट में इमली को भी जरूर शामिल करें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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