बच्चा कर रहा Back Pain की शिकायत तो न करें इग्नोर, वरना सर्जरी तक पहुंच जाएगी बात

Written By Aman Maheshwari | Updated: Oct 18, 2024, 08:20 AM IST

Back Pain in Children

Child Back Pain Causes: बच्चे में कमर और गर्दन का दर्द इग्नोर नहीं करना चाहिए. यह दर्द आगे चलकर गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है.

Back Pain in Children: बड़े-बुजुर्गों के जोड़ों और कमर में दर्द होना आम बात है. ऐसा बढ़ती उम्र के कारण हो सकता है. लेकिन आजकल बच्चों को भी कमर और गर्दन की परेशानी झेलनी पड़ती है. ऐसा कई कारणों से हो सकता है. हालांकि, इसपर ध्यान न दिया जाए तो सर्वाइकल जैसी बीमारी बन सकती है. कई बार दर्द के कारण सर्जरी तक की नौबत आ सकती है. ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों में होने वाले पीठ दर्द को इग्नोर नहीं करना चाहिए. चलिए बच्चों में कमर दर्द होने के कारण और इसके बचाव के बारे में जानते हैं.

बच्चों में कमर दर्द के कारण
साधाराण कारण

भारी स्कूल बैग, ऑनलाइन क्लास और स्टडी टेबल पर देर तक कमर झुका कर बैठना दर्द का कारण बन सकता है. इससे बचने के लिए बैठने की मुद्रा पर ध्यान देना चाहिए.

घंटों तक बैठे रहना

बच्चे पढ़ने के लिए घंटों तक एक जगह बैठे रहते हैं जो दर्द का कारण बन सकता है. इसके अलावा बच्चे मनोरंजन के लिए फोन और गैजेट्स का इस्तेमाल करते हैं जिससे गर्दन पर जोर पड़ता है. इसकी वजह से खेल कूद या फिजिकल एक्टिविटी भी कम होती है.


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मैकेनिकल बैक पेन

सही मुद्रा में न बैठने के कारण यह दर्द हो सकता है. बिस्तर पर बैठकर पढ़ने और कंप्यूटर व लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल करने से दर्द हो सकता है. इससे बचने के लिए पढ़ने और स्क्रीन को देखने के लिए गर्दन न झुकाएं. इसके लिए टेबल का इस्तेमाल करें.

गोलाकार कमर

कई बच्चों की कमर ऊपर की तरफ से गोल हो जाती है. ऐसे में यह कमर और गर्दन में दर्द का कारण बन सकता है. इसे इग्नोर न करें. अगर कमर गोलाकार होने में वृद्धि हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

मसल्स स्ट्रेन

बच्चे को खेलते समय मसल्स स्ट्रेन की समस्या हो सकती है. ऐसे में मांसपेशियों में तेज दर्द होता है. किसी भी तरह की स्पोर्ट्स इंजरी होने पर डॉक्टर और फिजियोथेरेपिस्ट से संपर्क करें.

कमर और गर्दन में दर्द के उपाय

कमर और गर्दन के दर्द को दूर करने के लिए सबसे पहले एक्सरसाइज और योगा करना चाहिए. इसके अलावा आहार में दूध, सोयाबीन, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें. दर्द से प्रभावित क्षेत्र की मालिश करने से भी बच्चे को आराम मिलेगा.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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