Eye Flu shield: स्कूल में बच्चा नहीं होगा आई फ्लू का शिकार, आंखों के संक्रमण से बचाने के लिए ऐसे बनाएं सुरक्षा कवच

Written By ऋतु सिंह | Updated: Jul 31, 2023, 09:20 AM IST

Eye flu in children

स्कूलों में आई फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. यहां कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जिससे आपका बच्चा कंजेक्टिवाइटिस के चपेट में नहीं आएगा.

डीएनए हिंदीः अगर आपको इस बात से चिंता हो रही की कहीं आपका बच्चा स्कूल जाकर आई फ्लू से संक्रमित न हो जाए तो कुछ उपाय और सावधानियों से आप उसे आंखों के संक्रमण से बचा सकते हैं. बच्चों में आई फ्लू फैलने का बड़ा कारण ये है की बच्चे बड़ों की तरह खुद को आंखों को छूने या संक्रमित बच्चे से बचने के तरीके फॉलो नहीं कर पाते हैं लेकिन यहां कुछ टिप्स बताने जा रहे जो बच्चों को स्कूल में भी सुरक्षित रखेंगे. 

कंजंक्टिवाइटिस 3 प्रकार का होता है. बैक्टीरियल, वायरल या एलर्जी से भी ये होता है. अगर आंखों में रेडिनेस, खुजली, आंखों में चिपचिपापन और सूजी हुई पलकें नजर आ रहीं तो समझ लें कि आप कंजंक्टिवाइटिस के शिकार हैं. बैक्टीरियल संक्रमण होने पर आंखों से पीले या हरे रंग का गाढ़ा स्राव निकलता है. वायरल संक्रमण के मामले में दवा या आईड्रॉप से ​​तुरंत राहत नहीं मिलती है. लक्षण कम होने में 1-2 सप्ताह लग जाते हैं.

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बच्चों को कंजंक्टिवाइटिस का खतरा क्यों अधिक होता है?
बच्चों में कंजंक्टिवाइटिस होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि वे वयस्कों की तुलना में अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं और स्कूल या पार्क में समूहों में रहते हैं. छोटे बच्चों के हाथ बार-बार गंदे हो सकते हैं और उनकी आंखों को रगड़ने और छूने की संभावना अधिक होती है, जिससे वायरस या बैक्टीरिया का संपर्क अधिक होता है.

बच्चों में आई फ्लू से कैसे बचें?
1. हाथ की स्वच्छता

आपके छोटे बच्चों को अपने हाथ साफ रखने चाहिए और माता-पिता को रोगाणुओं के प्रसार को रोकने के लिए नियमित रूप से हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, क्योंकि आई फ्लू दूषित हाथों से फैल सकता है.

2. क्लियर ग्लास का प्रयोग करें

बच्चे को क्लियर ग्लास यानी बिना पावर का चश्मा पहना दें. इससे बच्चे खुद भी अपनी आंखों को नहीं छूएंगे और उन्हें याद भी रहेगा कि आंखों को छूने से पहले हाथ धोना जरूरी है. संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए अपने बच्चे को अपनी आंखों को छूने से बचना सिखाएं.

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3. टिशू का यूज करने की सीख दें 
वायुजनित वायरस के संपर्क को कम करने के लिए छींकते या खांसते समय टिशू का उपयोग करने के लिए बच्चे को कहें. टिशू कपड़े के रूमाल से ज्यादा सुरक्षित होते हैं.

4. निजी सामान को साफ रखें
चश्मे, कॉन्टैक्ट लेंस और आंखों के संपर्क में आने वाली किसी भी वस्तु को नियमित रूप से साफ करें और बच्चे को सीखाएं कि उसे छूने से पहले हाथ को साफ करे. इसके लिए सेनेटाइजर भी देकर बच्चे को स्कूल भेजें.

5. बच्चे की आंखों की सफाई करें
संक्रमण को रोकने के लिए जब बच्चा स्कूल से आए तो तुरंत उसे नहलाएं और उसके बाद उसकी आंखों को एक मग पानी में एक चुटकी नमक डालकर धुलाएं, फिर उसकी आंखों को गर्म पानी से सेंक दे. एतिहात के तौर पर ऐसा करें.

6. चिकित्सकीय सहायता लें
यदि आपके बच्चे में आई फ्लू के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो जटिलताओं और आगे फैलने से रोकने के लिए तुरंत चिकित्सा सहायता लें.

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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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