Best Grain For Uric Acid: इस अनाज की रोटी खाते ही फ्लश आउट हो जाएगा हाई यूरिक एसिड, जोड़ों का दर्द सूजन भी होगी गायब

Written By नितिन शर्मा | Updated: Nov 09, 2023, 08:30 AM IST

यूरिक एसिड का हाई लेवल शरीर के लिए बड़ा खतरा पैदा करता है. इसकी वजह उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है. ऐसी स्थिति से बचने के मोटे अनाज की रोटियों का सेवन काफी फायदेमंद होता है, जिसके सेवन करने से ही सभी समस्याएं खत्म हो जाती है. 

डीएनए हिंदी: यूरिक एसिड एक तरह के टॉक्सिन हैं, जो खानपान के बाद बॉडी में बनते हैं. इन्हें किडनी फिल्टर कर पेशाब के रास्ते बाहर करती रहती है, लेकिन समस्या तब आती है, जब टॉक्सिन इतनी भारी संख्या में जमा हो जाते हैं कि किडनी इन्हें बाहर नहीं निकाल पाती. इसकी वजह बॉडी में प्यूरीन का जमा होना है. प्यूरीन किडनी की फिल्टर क्षमता को कम कर धीरे धीरे एक ही जगह पर जमा हो जाते हैं. यह बॉडी में यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ा देते हैं. वैसे तो यूरिक एसिड का सीमित मात्रा में होना सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसका लेवल बढ़ते ही यह जोड़ों में दर्द, सूजन, गाउट और किडनी में पथरी की समस्या को बढ़ाता है. 

इसका समय रहते इलाज नहीं किया जाएं तो यह चलना फिरना तो दूर उठना बैठना तक मुश्किल कर देता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए डाइट को सुधारना बेहद जरूरी है. इसमें रोटी दिनभर के फूड्स का सबसे अहम हिस्सा है. इसें ज्यादातर लोग दिन भर में गेहूं के आटे से बनी रोटी खाते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो गेहूं का आटा सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट बहुत ज्यादा होता है. यह पेट को भारीपन कर देता है. आटे की रोटी का सेवन ब्लड शुगर बढ़ाने के साथ ही यूरिक एसिड को भी बढ़ा देता है. ऐसे में इसे कंट्रोल करने के लिए साबुत अनाज का सेवन शुरू कर दें. 

ठंड में क्यों बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा? जानें क्या है कारण और बचाव के उपाय

एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर आपका यूरिक एसिड लेवल हाई बना हुआ है तो गेहूं के आटे की जगह साबुत अनाज की रोटी का सेवन शुरू कर दें. यह आपके पाचन को दुरुस्त रखती है. यह बॉडी में होने वाली कई तरह की परेशानियां दूर होती हैं. आइए जानते हैं कि मिलेट्स की रोटी खाने से यूरिक एसिड कंट्रोल रहता है.

ज्वार और बाजरे की रोटी 

अगर आप यूरिक एसिड को कंट्रोल करना चाहते हैं तो गेहूं की रोटी को छोड़कर मोटे अनाज की रोटी शामिल कर लें. इसमें एक टाइम ज्वार तो दूसरे समय में बाजरे की रोटी का सेवन करें. यह रोटियां दिखने में बेहद काली हैं, लेकिन सेहत के लिए खजाने से कम नहीं है. इस रोटी को खाने से यूरिक एसिड आसानी से कंट्रोल हो जाएगा. यह जोड़ों में जमा क्रिस्ट्लस को आसानी से पिघलकर बाहर कर देता है. इससे गाउट और दर्द की समस्या खत्म हो जाती है. जोड़ों में गैप की समस्या नहीं होती. 

शरीर में दिखें ये लक्षण तो हो सकती है कैल्शियम की कमी, नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

बाजरे की रोटी के फायदे 

बाजरे में विटामिन बी3, आयरन, जिंक, विफाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसकी तासीर गर्म होती है. यही वजह है कि सर्दी में बाजरे की रोटी खाने से यूरिक एसिड और ब्लड शुगर दोनों ही कंट्रोल में रहते हैं. इसमें मिलने वाले पोषक तत्व आपकी बॉडी से लेकर स्किन के लिए बेहद लाभकारी है. यह जोड़ों के दर्द और सूजन को खत्म करता है. इसका नियमित सेवन शरीर को हेल्दी बनाएं रखता है. डायबिटीज से लेकर यूरिक एसिड जैसी समस्याओं से बचाता है. इन दोनों ही बीमारियों को शरीर में बढ़ने नहीं देता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर